मुंबई। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने तीज-त्योहारों के दौरान प्रतिबंध लगाने को लेकर राज्य की ठाकरे सरकार की जमकर खिंचाई करते हुए ज्वलंत सवाल उठाया है। बाहर निकलने में आपकी ही फटती है, तो इसमें हमारा क्या दोष है? अभी कहीं भी जा कर देखें, क्या आपको कोरोना का प्रभाव महसूस होता है? राज ठाकरे ने साथ ही उद्धव ठाकरे सरकार को चेतावनी दी है। अगर अब भी मंदिर नहीं खोले गए, तो मंदिरों के बाहर व्यापक घंटानाद आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि इन हालात में पुनः इमारतों को सील करने या त्योहारों पर प्रतिबंध लगाने की कोई जरूरत नहीं है। लिहाजा, राज्य में त्योहार मनाने और मंदिरों को खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
निराली शैली में जताई भूमिका
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने दही हांडी पर प्रतिबंध को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार कितनी भी पाबंदियां लगा ले, हम जश्न मनाएंगे। देखते हैं क्या होता है? दही हांडी के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करने के मुद्दे पर उन्होंने जमकर धावा बोला, हम नहीं गिनते कि भालू के शरीर पर कितने बाल होते हैं, वैसे ही हम यह भी नहीं गिनते कि हमारे शरीर पर कितने बाल हैं। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस तरह निराली शैली में उन्होंने अपनी भूमिका स्पष्ट की।
क्या त्योहारों से फैलती है बीमारी?
अपनी चिरपरिचित शैली में उन्होंने कहा, ‘ सब-कुछ शुरू हो गया है। नारायण राणे पर मामले हुए, गिरफ्तार भी हुए, झगड़े हुए, भास्कर जाधव के बेटे ने मंदिर में अभिषेक किया, उनके लिए सब-कुछ शुरू है, फुटबॉल, क्रिकेट शुरू है, क्या हम दही हांडी सहित अपने अन्य तीज-त्यौहार नहीं मना सकते? राज ठाकरे ने आरोप लगाते हुए यह सवाल भी उठाए कि केवल महाराष्ट्र और मुंबई में ही प्रतिबंध क्यों? बाहरी राज्य में क्यों नहीं ? जब जन आशीर्वाद यात्रा चल रही है, आपके यहां लॉकडाउन नहीं है, त्योहार आने पर फिर लॉकडाउन क्यों ? क्या त्योहारों से बीमारी फैलती है और यात्रा, लड़ाई-झगड़ों से नहीं? सरकार की यही नीति है कि वो जो चाहती है, सो करे और लोगों को डराए।