भाजपा के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष आशुतोष शंकर सिंह ने बिहार के सीतामढ़ी स्थित अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राजपूत समाज की उपेक्षा की जा रही है, जबकि इस समाज के पास भाजपा में 5 सांसद, 1 केंद्रीय मंत्री और 17 विधायक हैं। इसके बावजूद संगठन और सरकार में उनकी हिस्सेदारी नगण्य है।
आशुतोष शंकर सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राजपूत समाज को केवल दिखावटी पदों या कम महत्व वाले विभागों से संतुष्ट करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि, “जिस समाज ने देश और धर्म के लिए बलिदान दिया है, उसे मंत्रालयों और नेतृत्व पदों के योग्य क्यों नहीं समझा जा रहा?”
उन्होंने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा, “भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि राजपूत समाज सिर्फ तलवार चलाना ही नहीं जानता, बल्कि राजनीति की दिशा और दशा तय करना भी जानता है।” उनका यह बयान पार्टी में गहराते असंतोष और संभावित राजनीतिक नुकसान की ओर इशारा करता है।
आशुतोष शंकर सिंह ने यह भी कहा कि अगर जल्द ही राजपूत समाज को सम्मान और बराबरी की भागीदारी नहीं दी गई, तो इसके गंभीर राजनीतिक परिणाम सामने आ सकते हैं। उन्होंने यह बयान पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए एक स्पष्ट संदेश के तौर पर दिया है।
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