भाजपा ने राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया कि गोड्डा जिले के आदिवासी सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा को 11 अगस्त को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार डाला।
भाजपा ने कहा कि हांसदा पर दर्ज 24 मामलों में से 14 में वे बरी हो चुके थे और किसी भी अदालत ने उन्हें अपराधी घोषित नहीं किया था। आरोप लगाया गया है कि पुलिस-राजनीति गठजोड़ और अवैध खनन विरोधी गतिविधियों में सक्रिय रहने के कारण सूर्या को साजिश के तहत मौत के घाट उतारा गया।
भाजपा ने राज्यपाल से इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने और पीड़ित परिवार व उनके वकील को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। ज्ञापन में भाजपा ने रांची के नगड़ी इलाके में रैयत किसानों की उपजाऊ कृषि भूमि पर रिम्स टू अस्पताल निर्माण का भी कड़ा विरोध किया है।
पार्टी ने कहा कि सरकार ने किसानों की सहमति और मुआवजा दिए बिना उनकी जमीन को घेर लिया है। इसके विरोध में 24 अगस्त को शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। भाजपा ने इसे आदिवासी अस्मिता और किसान हित पर हमला करार दिया।
पार्टी ने कहा कि भाजपा अस्पताल निर्माण का विरोध नहीं करती, लेकिन सरकार को इसके लिए बंजर या वैकल्पिक भूमि चुननी चाहिए। नगड़ी की रैयती जमीन पर निर्माण सीएनटी एक्ट और भूमि अधिग्रहण कानून का उल्लंघन है।
भाजपा ने किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी और जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया पर रोक लगाने की भी मांग की। राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में सांसद आदित्य प्रसाद साहू, विधायक सीपी सिंह और नवीन जायसवाल समेत पार्टी के कई पदाधिकारी शामिल थे।
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