आज के ”सामना” की सुर्खियों में महाराष्ट्र में हुए दंगों पर टिप्पणी की गई है। शिंदे-फडणवीस सरकार और खासकर भाजपा की आलोचना की गई है। दंगों की आग में जो लोग सत्ता में आए उन्हें दंगों और धार्मिक तनावों से प्यार रहा होगा, लेकिन देश की जनता अब ऐसे तनावों की आदी हो चुकी है|महाराष्ट्र में दंगों की प्रयोगशाला खोलकर भाजपा और उसके समर्थक सामाजिक समरसता को भंग कर मतों का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता है, लेकिन यह कहकर सरकार की आलोचना की गई है कि उन्हें समाज को बांटकर चुनाव लड़ना चाहिए, क्योंकि शिवसेना उन्हें बांटकर शासन कर रही है।
विदर्भ के अकोला में शनिवार को दो गुटों के बीच मारपीट हो गई। मामूली विवाद पर मारपीट और मारपीट हो गई। पुलिस इस दंगे को संभालने में नाकाम रही। सोशल मीडिया पर एक विवादित पोस्ट वायरल हुई और विवाद शुरू हो गया। हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई। सामना में कहा गया है कि अकोला में फिलहाल धारा 144 लागू कर दी गई है|
मंत्री पद के लिए भाजपा विधायकों से ठगी करने का आरोपी गिरफ्तार !