पूर्व गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख, जिन्होंने अपना गृह मंत्री पद खो दिया था और तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह, और तत्कालीन विपक्ष के नेता और वर्तमान गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस के आरोपों के कारण जेल गए थे, जिन्होंने मामले को लेकर देशमुख पर निशाना साधा था। सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार कटोल में सरकारी बैठक के मौके पर साथ आए।
शुक्रवार को कटोल में थाने का उद्घाटन व तालुका की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया| उसमें फडणवीस ने बतौर संरक्षक मंत्री और अनिल देशमुख ने उस इलाके के विधायक के तौर पर शिरकत की थी| इन दोनों कार्यक्रमों में फडणवीस-देशमुख ने व्यक्तिगत बात नहीं की। लेकिन बैठक में बोलते हुए फडणवीस ने देशमुख द्वारा दिए गए सुझावों का जिक्र किया।
गौरतलब है कि महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान सिंह के आरोपों की वजह से देशमुख का मंत्री पद छिन गया था और उन्हें जेल भी जाना पड़ा था| आरोप लगाया गया कि इन सभी मामलों के पीछे भाजपा का हाथ है| जेल से बाहर आने के बाद देशमुख ने यह भी दावा किया कि सभी जानते हैं कि इस मामले का ‘मास्टरमाइंड’ कौन है।
हाल ही में परमबीर सिंह का निलंबन भी वापस ले लिया गया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए देशमुख ने भाजपा पर आरोप लगाया था| इन सबकी पृष्ठभूमि में पूर्व गृह मंत्री फडणवीस और देशमुख शुक्रवार को कटोल में एक मंच पर आए| हर कोई देख रहा था कि वे एक-दूसरे से क्या कहते हैं। लेकिन उन्होंने निजी बातों से परहेज किया। दोनों अलग-अलग सोफे पर बैठे थे।
समीक्षा बैठक में बोलते हुए देशमुख ने महाविकास अघाड़ी के दौरान विधानसभा क्षेत्र में हुए कार्यों की जानकारी दी| लंबित कार्यों की भी जानकारी दी। फडणवीस ने इन कार्यों का भी जिक्र किया और लंबित कार्यों को पूरा करने का वादा किया| कार्यक्रम में एक साथ आने के बावजूद दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से दूरी बनाए रखी|
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