महिलाओं के साथ बढ़ती घटना: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बड़ा बयान!

कोलकाता जैसी घटनाएं पर द्रौपदी मुर्मू का कहना है कि मैं निराश और डरी हुई हूं| इस घटना से देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी सन्न हो गई हैं|

महिलाओं के साथ बढ़ती घटना: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बड़ा बयान!

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पिछले कुछ दिनों में भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। कुछ महीने पहले मणिपुर में एक महिला और उसकी छोटी बेटी को निर्वस्त्र करने ​की​ चौंकाने ​वाली​ घटना सामने आय थी|इस घटना से अब हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है? ऐसा सवाल उठ रहा ​है​​|​ इस घटना के बाद भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं कम नहीं हुईं​|​

कुछ दिन पहले कोलकाता के एक अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बेरहमी से मारपीट की गई थी​|​इस घटना में आरोपियों ने पीड़ित डॉक्टर की बेहद अमानवीय तरीके से हत्या कर दी​|​इससे भी अधिक भयावह बात यह थी कि अस्पताल प्रशासन ने शुरू में दावा किया था कि पीड़िता ने आत्महत्या की है। इसके बाद जब छात्र और अस्पताल कर्मचारी सड़क पर उतरे तो मामला सामने आया​|​

इस घटना से पूरा देश हिल गया है|इस घटना का मानसिक असर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दिमाग पर भी गहरा पड़ा है| द्रौपदी मुर्मू भले ही देश की राष्ट्रपति हैं, लेकिन राष्ट्रपति पद से परे भी एक शख्स है|द्रौपदी मुर्मू ने कोलकाता की घटना पर अपना गुस्सा जाहिर किया है|

कोलकाता के एक अस्पताल में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या की घटना पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है| द्रौपदी मुर्मू ने पीटीआई को इंटरव्यू दिया| इस बार उन्होंने बड़ा बयान दिया है| कोलकाता जैसी घटनाएं पर द्रौपदी मुर्मू का कहना है कि मैं निराश और डरी हुई हूं| इस घटना से देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी सन्न हो गई हैं|

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वास्तव में क्या कहा?: “बहुत हो गया। मैं निराश भी हूं और डरा हुआ भी| बेटियों के खिलाफ अपराध अब बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे। अब तक बहुत कुछ हो चुका है| समाज को आत्ममंथन की जरूरत है| राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, ईमानदार और निष्पक्ष आत्म-चिंतन आवश्यक है।

द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि खास बात ये है कि ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि देश के राष्ट्रपति ने महिला उत्पीड़न की घटना पर प्रतिक्रिया दी है| “एक सभ्य समाज महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता। इस घटना के बाद कोलकाता में छात्र, डॉक्टर और नागरिक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जबकि आरोपी कहीं बाहर घूम रहे थे| अब बस हो गया| समाज को प्रामाणिक और आत्मविश्लेषी होने की सख्त जरूरत है|”

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