भारत की ऊर्जा सुरक्षा को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत के कच्चे तेल आपूर्तिकर्ताओं की संख्या अब 27 से बढ़कर 40 हो गई है। इसके साथ ही देश के अंदर तेल उत्पादन और भंडारण दोनों में बढ़ोतरी हो रही है। मंत्री ने यह जानकारी समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए एक विशेष साक्षात्कार में दी।
हरदीप पुरी ने आश्वासन दिया कि भले ही दुनिया में ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध जैसे हालात हैं, लेकिन भारत में पेट्रोल और डीजल की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा,”इस समय दुनिया में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है। हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है।”
पुरी ने बताया कि भारत के पास अब कुल 40 देशों से कच्चे तेल की आपूर्ति होती है, जिससे वैश्विक संकटों के बावजूद ऊर्जा की स्थिरता बनी रहती है।
हरदीप पुरी ने पिछले एक दशक में मंत्रालय द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2016 में शुरू की गई उज्ज्वला योजना के तहत आज 10.33 करोड़ गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मिल चुका है। “पहले गैस सिलेंडर शहरी क्षेत्र तक ही सीमित थे, लेकिन अब देश के ग्रामीण इलाकों में भी एलपीजी आसानी से उपलब्ध है।” उन्होंने यह भी बताया कि बायोफ्यूल मिश्रण, जो 2014 में मात्र 1.4% था, आज बढ़कर 20% तक पहुंच गया है। यह न केवल आयात पर निर्भरता घटाता है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है।
हरदीप पुरी ने भारत की आर्थिक प्रगति पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत अब 2 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका है और 6.5% की वार्षिक दर से आगे बढ़ रहा है। “अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी से प्रति व्यक्ति आय में इजाफा होता है और देश की वैश्विक स्वीकार्यता बढ़ती है। आने वाले समय में हम 8 ट्रिलियन डॉलर की ओर बढ़ेंगे।” पुरी के अनुसार, दुनिया में भारत की ताकत को अब गंभीरता से लिया जा रहा है और देश की भूमिका वैश्विक आपूर्ति शृंखला में मजबूत होती जा रही है।
हरदीप सिंह पुरी के इन बयानों से स्पष्ट है कि भारत न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, बल्कि वैश्विक अस्थिरताओं के बावजूद स्थिर और सुरक्षित ऊर्जा आपूर्ति बनाए रखने में सफल हो रहा है। साथ ही, सरकार की योजनाओं का असर सीधे आम जनता के जीवन पर भी दिख रहा है — चाहे वह एलपीजी कनेक्शन हो या पेट्रोलियम नीति में लचीलापन।
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