India On Canada:भारत ने एक बार फिर ट्रूडो सरकार को लगाई फटकार!

अब भारत ने एक पत्रक प्रकाशित कर कनाडा को फटकार लगाई है| भारत ने कनाडा के इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है|

India On Canada:भारत ने एक बार फिर ट्रूडो सरकार को लगाई फटकार!

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भारत और कनाडा के बीच करीब एक साल से कूटनीति कटास बना हुआ है। कुछ महीने पहले कनाडा ने भारत पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, लेकिन भारत ने कनाडा के आरोपों से इनकार किया था| हालांकि, इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब होने की बातें सामने आ रही हैं।

अब हाल ही में कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य पर एक मामले की जांच में शामिल होने का आरोप लगाया है। इसलिए एक बार फिर नया विवाद खड़ा होने की आशंका है| अब भारत ने एक पत्रक प्रकाशित कर कनाडा को फटकार लगाई है| भारत ने कनाडा के इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है|

कनाडा ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है कि भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य एक मामले की जांच में शामिल थे। साथ ही भारत ने एक बार फिर कनाडा को फटकार लगाते हुए कहा है कि यह ट्रूडो सरकार का राजनीतिक एजेंडा है| भारत के विदेश मंत्रालय ने एक मामले में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य को जोड़ने वाले कनाडा के राजनयिक संचार पर आज कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया जारी की।

भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, ”हमें कनाडा से एक संदेश मिला| इसमें कहा गया कि कनाडा में भारत के उच्चायुक्त और कुछ अन्य लोग एक मामले की जांच में शामिल थे, लेकिन भारत सरकार आरोपों को सिरे से नकार रही है| और इसके पीछे का कारण ट्रूडो सरकार का राजनीतिक एजेंडा है, जो वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित है।”

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “ट्रूडो सरकार ने जानबूझकर हिंसक चरमपंथियों और आतंकवादियों को पनाह दी, जिन्होंने कनाडा में भारतीय राजनयिकों और समुदाय के नेताओं को धमकाया और धमकाया।” इसमें भारतीय नेताओं को जान से मारने की धमकी भी शामिल है|कनाडा में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले कुछ लोगों को शीघ्र नागरिकता प्रदान की गई। कनाडा से आतंकवादियों और संगठित अपराध के नेताओं के प्रत्यर्पण के भारत सरकार के कई अनुरोधों को भी खारिज कर दिया गया है।”

विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का भारत विरोध बहुत पहले ही साबित हो चुका है| 2018 में जब वह भारत दौरे पर थे तब भी वह वोट बैंक की राजनीति करने आये थे, लेकिन अब इसका चलन उलट गया है| उनके मंत्रिमंडल में भारत के खिलाफ कट्टरवाद और अलगाववाद से सीधे जुड़े कई लोग शामिल हैं।

दिसंबर 2020 में भारत की आंतरिक राजनीति में उनका दखल साफ नजर आया|अब जब सरकार ने कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त को सहयोगी करार दिया, तो यह जस्टिन ट्रूडो सरकार द्वारा भारत को बदनाम करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है और यह उनका राजनीतिक एजेंडा है।ये बात कहकर भारत ने कनाडा को फटकार लगाई है|

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