आज भारत और चीन के बीच हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा है। भारत ने हमेशा चीन की विस्तारवाद की नीति का कड़ा विरोध किया है। मौके-मौके पर चीन से दो-दो हाथ भी किये जा चुके हैं| आज भारत और चीन की सेनाएं सीमा क्षेत्र में आमने-सामने हैं| दोनों देशों के बीच समुद्री क्षेत्र के साथ-साथ जमीन पर भी वर्चस्व को लेकर संघर्ष चल रहा है। अब श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पर भारत और चीन के युद्धपोत आमने-सामने आ गए हैं|
भारतीय नौसेना का मिसाइल से लैस विध्वंसक पोत आईएनएस मुंबई सोमवार सुबह कोलंबो बंदरगाह पर पहुंचा। वहीं चीन के तीन युद्धपोत भी वहां मौजूद थे| आईएनएस मुंबई तीन दिन की यात्रा के बाद कोलंबो बंदरगाह पर पहुंच गया है।
चीनी युद्धपोत, जो समुद्री डकैती विरोधी अभियानों का हिस्सा हैं, अब पहले से कहीं अधिक लंबे समय तक हिंद महासागर क्षेत्र में हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए एक चुनौती है। हिंद महासागर में चीन और पाकिस्तान का मुकाबला करने के लिए भारत को 140 युद्धपोतों की जरूरत है। वर्तमान में कोलंबो में खड़े तीन चीनी युद्धपोतों पर भारतीय नौसेना द्वारा हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद से कड़ी नजर रखी गई है।
आईएनएस मुंबई में कितने नाविक सवार हैं?: आईएनएस मुंबई 163 मीटर लंबा जहाज है जिसमें 410 नाविक तैनात हैं। भारतीय नौसेना का यह युद्धपोत पहली बार श्रीलंका पहुंचा है। चीनी युद्धपोत फी, वुझिशान और किलियानशान सोमवार को कोलंबो पहुंचे। चीनी लिबरेशन आर्मी का फ़ेई युद्धपोत 144.50 मीटर लंबा है।
इस जहाज पर 267 सदस्य हैं वुझिशान युद्धपोत 210 मीटर लंबा है। इस पर 872 क्रू मेंबर्स तैनात हैं। क़िलियानशान 210 मीटर लंबा चीनी युद्धपोत है। इसके 334 सदस्य हैं।
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