भारत सरकार कतर में डेटा चोरी के आरोप में हिरासत में लिए गए वडोदरा, गुजरात के निवासी अमित गुप्ता की हर संभव सहायता कर रही है। भारतीय दूतावास इस मामले पर नजर बनाए हुए है और गुप्ता के परिवार, उनके वकीलों और कतर के अधिकारियों के संपर्क में है।
अमित गुप्ता, जो आईटी कंपनी टेक महिंद्रा के एक वरिष्ठ कर्मचारी हैं, 1 जनवरी 2025 को कतर की राज्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा हिरासत में लिए गए थे। उनके परिवार का कहना है कि वह निर्दोष हैं और उन पर झूठे आरोप लगाए गए हैं।
अमित की मां पुष्पा गुप्ता ने मीडिया को बताया कि वह कतर गई थीं और भारतीय राजदूत से मुलाकात की, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। उनके पिता ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है और प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप की मांग की है।
भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने कहा कि वे इस मामले पर करीब से नजर रख रहे हैं और अमित गुप्ता को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। भाजपा सांसद हेमंग जोशी ने बताया कि गुप्ता पिछले 10 वर्षों से कतर में टेक महिंद्रा के लिए काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता एक महीने के लिए कतर गए और उनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।
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गुप्ता का मामला 2022 में आठ भारतीय नौसेना अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद दूसरा बड़ा मामला है। उन अधिकारियों को पहले मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में उनकी सजा घटाई गई और फरवरी 2024 में कतर के अमीर के आदेश पर रिहा कर दिया गया। अमित गुप्ता के परिजनों को उम्मीद है कि भारत सरकार राजनयिक माध्यमों से हस्तक्षेप कर उनकी रिहाई सुनिश्चित करेगी। यह देखना होगा कि भारतीय कूटनीति इस मामले को कितनी तेजी से हल कर पाती है।