भारत के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत में हर कम्युनिस्ट नेता के प्रभाव को खत्म करना भाजपा का लक्ष्य है| अशोक सिन्हा ने कहा। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के कुछ ही दिन दूर हैं, राज्य में कांग्रेस-सीपीआई (एम) बनाम बीजेपी का संघर्ष चरम पर पहुंच गया है। अशोक सिन्हा ने कहा, ‘कांग्रेस और मार्क्सवादी-कम्युनिस्ट पार्टी ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला किया और अब वे चुनाव आयोग के सामने हमारे खिलाफ लड़ रहे हैं|’
साथ ही, 18 जनवरी को जब जिरानिया में भाजपा और कांग्रेस आपस में भिड़ गए, तो अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के त्रिपुरा प्रभारी डॉ. अजय कुमार घायल हो गए। जब सिन्हा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं और इसके विपरीत कांग्रेस ने हमारे बूथ कार्यालय में तोड़फोड़ की।’
“चुनाव आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह कांग्रेस थी जिसने राजनीतिक झगड़ा शुरू किया था। रैली का नेतृत्व कांग्रेस के एक राष्ट्रीय नेता ने किया। उन्होंने हमारे बूथ कार्यालय में आग लगा दी। सबसे खास बात यह है कि इसके उलट कांग्रेस ही आयोग के सामने गई थी| लिखित में बताया गया है कि अजय कुमार गंभीर रूप से घायल हैं।
कांग्रेस की इस झूठे और निराधार राजनीति के कारण पूरे देश में उन्हें नकारा जा रहा है|” कुछ दिन पहले अगरतला शहर के दक्षिण इंद्रानगर में भाजपा के बूथ कार्यालय में आग लगा दी गई थी| उसके बाद कांग्रेस और भाजपा की तरफ से प्रतिक्रियाएं आईं|
भाजपा ने इस घटना के लिए माकपा और कांग्रेस गठबंधन को जिम्मेदार ठहराया है। डॉ. अशोक सिन्हा ने कहा कि आज उन्होंने हमारे कार्यालय में आग लगा दी। हमें आश्चर्य नहीं है। ऐसा वे पहले से करते आ रहे हैं। बिहार में पहले भी ऐसी ही हिंसा हुई थी। तब बिहार शांत हुआ। लेकिन जहां कम्युनिस्ट हैं, वहां हिंसा है। इसलिए हमारा उद्देश्य कम्युनिस्टों को बेअसर करना है।
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