मुंबई। लोकसत्ता के संपादक गिरीश कुबेर के साथ एक साक्षात्कार में यह स्पष्ट हो गया है कि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा किए गए कई दावे फर्जी हैं। यह पता चला है कि सदाशिव लोखंडे और भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने टिकट न मिलने पर राज ठाकरे से मनसे का टिकट मांगा था। राज ठाकरे ने दावा किया था कि 2009 के चुनाव में सदाशिव लोखंडे ने मनसे का टिकट मांगा था औऱ हमने कहा कहा था आप जिस दल में हो वहीं रहो। जबकि लोखंडे 2009 में कुर्ला से मनसे से चुनाव लड़ा। जहां एनसीपी से मिलिंद कांबले, शिवसेना के मंगेश कुडालकर और आरपीआई से अविनाश महातेकर खड़े थे। यह स्पष्ट हो गया कि लोखंडे के बारे में राज ठाकरे का बयान सफेद झूठ था। अतुल भातखलकर के बारे में भी उनका दावा बकवास है।
2009 के चुनाव में भातखलकर टिकट पाना चाहते थे,पर हकीकत में बीजेपी ने जयप्रकाश ठाकुर को टिकट दिया, उसके बाद राज ठाकरे ने भातखलकर को मनसे से चुनाव लड़ने की पेशकश की,पर भातखलकर ने इसे ठुकरा दिया। वहीं से राज ठाकरे और अतुल भातखलकर अलग हो गए। अब इतने सालों के बाद माना जा रहा है कि इस बासी सब्जी के लिए गिरीश कुबेर जिम्मेदार हैं। छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान करने वाली कुबेर की पुस्तक रेनिसन्स स्टेट का अतुल भातखलकर ने खुलकर विरोध किया था, किताब पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि घायल कुबेर ने उस साक्षात्कार में फिर से राज ठाकरे के साथ इस मुद्दे को उठाया होगा। एरव्ही मराठी व्यक्ति और महाराष्ट्र के बारे में बोलने वाले राज ठाकरे रेनिसन्स स्टेट पुस्तक के बारे में चुप रहना पसंद किया है। लेकिन इंटरव्यू में किए गए फर्जी दावों से राज ठाकरे का असली चेहरा सामने आ गया है।