जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में अभी भी शोले रह-रहकर अंदर ही अंदर सुलग रहे हैं, गाहे-बगाहे इसकी चिंगरारियां बाहर आती रहती हैं, कांग्रेस जहां इन चिंगारियों पर ठंडे पानी के छींटे डालने का प्रयास करती है वहीं विपक्षी पार्टी बीजेपी उसे हवा देने के प्रयास में रहती है। बीजेपी के दिग्गज नेता राजेन्द्र राठौड़ ने पायलट के पुराने जख्मों को कुरेदने का प्रयास किया, खुद पायलट ने पलटवार किया है। मामला कांग्रेस में कलह के बाद दोनों पक्षों में समन्वय बिठाने के लिये बनी कांग्रेस की तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट में हो रही देरी पर पायलट और उनके कैंप की नाराजगी से जुड़ा है।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने एक ट्वीट किया, इसमें राठौड़ ने लिखा कि “आखिर मन का दर्द होठों पर आ ही गया, ये चिंगारी कब बारूद बनकर फूटेगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा, कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने अहम भूमिका निभाई थी, सुलह कमेटी के पास मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं. ना जाने कब क्या हो जाए। सचिन पायलट ने देर रात राठौड़ के ट्वीट का जवाब देते हुए ट्वीटर पर लिखा कि “प्रदेश के बीजेपी नेताओं को व्यर्थ बयानबाजी की बजाय अपनी स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, आपसी फूट व अंतर्कलह इतनी हावी हैं कि राज्य में बीजेपी विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही है।
इनकी नाकाम नीतियों से देश में उपजे संकट में जनता को अकेला छोड़ने वालों को जनता करारा जवाब देगी। बताया जा रहा है कि सचिन पायलट ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि 10 महीने हो गए हैं और उनसे किए वादे पूरे नहीं किए गये हैं। उन्हें समझाया गया था कि सुलह कमेटी तेजी से एक्शन लेगी. लेकिन सरकार का आधा कार्यकाल पूरा हो चुका है और वे मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं।