गाजा के खान यूनिस में इजरायली हवाई हमले में हमास के वरिष्ठ राजनीतिक नेता सलाह अल-बर्दावील की मौत हो गई। हमास समर्थक मीडिया ने दावा किया है कि इस हमले में उनकी पत्नी भी मारी गई हैं।
यह हमला गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर केंद्रित एक बड़े इजरायली सैन्य अभियान का हिस्सा था। इजरायल और हमास के बीच चल रही युद्धविराम वार्ता के विफल होने के बाद यह ताजा सैन्य कार्रवाई की गई, जिससे 19 जनवरी से प्रभावी युद्धविराम टूट गया।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि हमास द्वारा बंधकों को रिहा करने से इनकार करने और मध्यस्थता के प्रस्तावों को ठुकराने के कारण यह सैन्य अभियान अनिवार्य हो गया।
बयान में कहा गया, “हमास के खिलाफ सैन्य दबाव बढ़ाया जाएगा। आईडीएफ (इजरायली रक्षा बल) ने सप्ताहांत में अपनी ऑपरेशनल योजना पेश की थी, जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है।” इजरायली सैन्य अधिकारियों का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य हमास को सैन्य और राजनीतिक रूप से खत्म करना है।
युद्धविराम वार्ता के टूटने के पीछे दोनों पक्षों की शर्तें अहम वजह बनीं। इजरायल तीन-चरणीय समझौते के पहले चरण को आगे बढ़ाना चाहता था, जबकि हमास दूसरे चरण पर जोर दे रहा था, जिसमें अधिक बंधकों की अदला-बदली की योजना थी।
पहले चरण में हमास ने 33 इजरायली और 5 थाई बंधकों को छोड़ा था, जिसके बदले करीब 2,000 फिलिस्तीनी कैदी रिहा किए गए थे। लेकिन हमास के पास अब भी 59 बंधक मौजूद हैं, जिससे इजरायल पर सैन्य कार्रवाई तेज करने का दबाव बढ़ा। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि उनका मुख्य लक्ष्य हमास को पूरी तरह समाप्त करना है और बंधकों की रिहाई के लिए हरसंभव दबाव बनाना जारी रहेगा।