झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 19वें दिन, जमशेदपुर पश्चिम से जदयू विधायक सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया। विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो की अनुमति मिलने के बाद राय ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी।
सरयू राय ने कहा कि किसी विधायक के प्रश्न का गलत और गुमराह करने वाला उत्तर देना सदन की अवमानना है और यह विधायक के सही जानकारी प्राप्त करने के अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने आरोप लगाया कि 21 मार्च को उनके अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को भ्रामक जानकारी दी और सही प्रतिवेदन होने के बावजूद गलत उत्तर प्रस्तुत किया।
उनका प्रश्न झारखंड राज्य फार्मेसी काउंसिल में निबंधक-सह-सचिव पद पर अनियमित नियुक्ति से जुड़ा था। राय ने कहा कि किसी फार्मासिस्ट का पंजीकरण आमतौर पर एक ही स्थान के लिए होता है, लेकिन सरकार ने ऐसे व्यक्ति को फार्मेसी काउंसिल का सचिव-सह-निबंधक नियुक्त किया, जिसका पंजीकरण एक से अधिक स्थानों पर था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले की जांच के दौरान फार्मेसी काउंसिल ने आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराईं और सहयोग से इनकार किया।
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राय ने कहा कि सरकार ने इस महत्वपूर्ण तथ्य को छिपाया और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री को गुमराह किया, जिससे सदन में गलत जानकारी पेश की गई। उन्होंने इसे विधानसभा की अवमानना और विशेषाधिकार हनन का मामला करार दिया।
इस प्रस्ताव का समर्थन भाजपा, जदयू, लोजपा और आजसू के सभी विधायकों ने किया और सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई। इस पर विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि वह प्रस्ताव की समीक्षा करेंगे और अगर यह नियम के अनुरूप पाया गया, तो आवश्यक कार्रवाई करेंगे।