सोमवार को यह खबर पूरे इलाके में फैली और देखते ही देखते सैकड़ों लोग घटना पर विरोध जताते हुए सड़क पर उतर आए। धालभूमगढ़ के पास लोगों ने एनएच-18 को सुबह नौ बजे से जाम कर दिया है। लोग सड़क पर उतरकर घटना के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।
दोपहर एक बजे तक जाम जारी है और इस वजह से सड़क के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी कतार लग गई है। लोगों ने धालभूमगढ़ और नरसिंहगढ़ बाजार को बंद करा दिया है।
पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) के ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग, घाटशिला के अनुमंडलाधिकारी सुनील चंद्र, मुसाबनी थाना प्रभारी संदीप भगत और अन्य पुलिस अधिकारी उत्तेजित लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई है। जानबूझकर धार्मिक आस्था पर हमला करने वाले तत्वों की पहचान करके उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।
स्थानीय लोगों के अनुसार, रविवार को रामनवमी की शोभायात्रा धूमधाम के साथ निकाली गई थी। इस मौके पर प्रखंड मुख्यालय में मंदिर के पास बड़ी संख्या में धार्मिक ध्वज लगाए गए थे। देर शाम शोभायात्रा का समापन हुआ और लोग अपने-अपने घर चले गए।
सोमवार की सुबह कुछ लोगों ने देखा कि झंडा उखाड़कर फेंक दिया गया है और पास में प्रतिबंधित मांस बिखरा है। मंदिर की घंटी समेत कई सामान भी गायब कर दिए गए हैं। आशंका है कि देर रात किसी ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश के तहत ऐसी हरकत की है। एक साल पहले भी इसी स्थान पर शरारती तत्वों द्वारा प्रतिबंधित मांस का टुकड़ा फेंका गया था, जिसे लेकर कई दिनों तक बवाल हुआ था।
ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एक सेल का गठन किया गया है और सभी एंगल से जांच की जा रही है। शरारती तत्वों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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