इजरायल और हमास के बीच चल रहा युध्द को अब दस महीने होने है। इस युद्ध के परिणाम में बुधवार (31 जुलाई)को आतंकवादी संगठन हमास के प्रमुख इस्माइल हानियेह को अज्ञात हमलावरों ने ईरान में जमीनदोज कर दिया है। इस घटना पर आतंकी संगठन हमास ने शोक व्यक्त करते हुए बदला लेने की बात की है। साथ ही ईरान ने भी जवाब देने का इशारा किया है। लेकिन इस्माइल हानियेह की मौत पर इजरायल और उसकी इंटेलिजेंस एजेंसी चुप्पी साधे है।
खबर आ रही है की, हमास अब खालिद मशाल को अपना अगला चीफ नियुक्त करने की तैयारी में है। आपको बता दें की इस खालिद हमास के फॉउन्डिंग मेंबर्स में से एक है। जिसने वर्ष 1987 हमास का निर्माण करने के बाद, हमास की कुवैत स्थित ऑर्गनाइज़ेशन को संभाला था। साथ ही खलीद वर्ष 1996 से वर्ष 2007 तक हमास के पॉलिटकल ब्यूरो सदस्य और अध्यक्ष रह चूका है।
आपको खालिद के बारे में रोचक तथ्य, वर्ष 1997 में जेरुसलेम में हमास द्वारा बम लगवाकर आतंकी हमला किया गया था, जिसमें 19 मासूमों की दर्दनाक मौत हुई। उस वक्त बेंजामिन नेतन्याहू पहली बार इजरायल के प्रीमियर बने थे। उन्होंने मोसाद को खालिद मशाल की मौत से बदला लेने के आदेश दिए। बेंजामिन नेतन्याहू का आदेश मोसाद ने बखूबी से निभाया, उन्होंने जॉर्डन में मजे कर रहे खालिद मशाल को मस्जिद के सामने के रास्ते पर जहर का इंजेक्शन दे दिया। जिस से खालिद की हालत बिगड़ गयी। इस घटना ने जॉर्डन की नींव हिला दी, जॉर्डन के किंग ने इजरायल से रात गुजरने से पहले एंटीडोट मांग वरना जॉर्डन और इजरायल के बीच का शांति समझौता तोड़ने की बात की। आखिरकार इजरायल ने खालिद के लिए जहर का एंटीडोट भेज दिया और खालिद की जान बच गई।
खालिद और इंडिया कनेक्शन: खालिद कई सालों से पैलेस्टाइन से बाहर रहकर हमास के लिए प्रोपोगेंडा फ़ैलाने का काम कर रहा है। वैसे है पिछले साल हमास ने इजरयाल पर हमला करने के बाद खालिद ने दुनिया भर में मुस्लिम ब्रदरहुड को सक्रीय करवा कर इजरायल के खिलाफ प्रोपोगेंडा फैलाया है। वहीं इजरायल ने हमास के खिलाफ करवाई शुरू करने के बाद खालिद ने भारत के साथ भी संबंध बनाने की कोशिश की है। पिछले साल ऑक्टोबर में खालिद ने केरल में सॉलिडेरिटी यूथ मूमेंट इस पलेस्तेनियन समर्थन के कार्यक्रम में ऑनलाइन हिस्सा लिया था। अपने ऑनलाइन इंटरव्यू के दौरान खालिद ने पलेस्तेनियन पर हो रहें अत्याचारों के साथ इजरायल को तबाह करने की बात की थी। अपने भाषण में खालिद ने अल अक्सा मस्जिद के लिए लड़ने और भारत से हमास के लिए समर्थन जुटाने का आवाहन भी किया था।
खालिद मशाल जैसे आतंकी को भारत के किसी कार्यक्रम में निमंत्रित करना भारत का दुनिया के सामने कद छोटा करता है। साथ ही इससे हमास के काले कारनामों को भारत के लोगों का समर्थन है ऐसा सन्देश भी दुनियाभर में जाने का डर है। भारत की खुफिया एजेंसी के सूत्रों से पता चला है, भारत में सप्ताह में कम से कम एक बार सेव गाझा, सेव पैलेस्टाइन के प्रदर्शन के साथ मुस्लिम युवाओं का आतंकी संगठन हमास के प्रति बढ़ते प्रेम के पिछे खालिद मशाल और उसका प्रोपोगेंडा ही है।
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