28 C
Mumbai
Sunday, September 8, 2024
होमदेश दुनियानेपाल प्रधानमंत्री पद पर लौटे केपी शर्मा ओली; भारत-नेपाल संबंधों पर चिंता...

नेपाल प्रधानमंत्री पद पर लौटे केपी शर्मा ओली; भारत-नेपाल संबंधों पर चिंता के घने बादल।

। एक तरफ भारत नेबर फर्स्ट की निति से नेपाल के मदद की कोशिश कर रहा था तो दूसरी तरफ कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा के विवाद को बिना वजह खींचकर ओली ने दोनों देशों के बीच बखेड़ा खड़ा किया था। आलोचकों ने ओली के बर्ताव के पीछे चीन का हाथ होने की बातें की थी। 

Google News Follow

Related

पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने नेपाल की प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत प्रस्ताव में हारने के बाद इस्तीफा दिया। जिसके  बाद  सीपीएन-यूएनएल के नेता केपी शर्मा ओली ने नेपाली कोंग्रेस के समर्थन से आज (15 जुलाई) को नेपाल के प्रधानमंत्री के रुप में शपथ ली। नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने 72 वर्षीय रविवार के दिन केपी शर्मा ओली को नए गठबंधन की सरकार के नेता होने से प्रधानमंत्री नियुक्त किया था, इस निर्णय के चलते केपी शर्मा ओली का नेपाल के प्रधानमंत्री के रुप में शपथविधी पुर्ण हुआ।

संवैधानिक आदेश: नेपाल के संवैधानिक मानकों के अनुसार केपी शर्मा को नियुक्ति के बाद उन्हें प्रतिनिधि सभा में 138 प्रतिनिधियों के समर्थन से बहुमत सिद्ध करना होगा। बतादें की नेपाल का हॉउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव अर्थात प्रतिनिधि सभा में 275 प्रतिनिधी होतें है और बहुमत घोषित करने के लिए न्यूनतम 138 प्रतिनिधिओयों के समर्थन अपेक्षित है। केपी शर्मा ओली की सीपीएन-यूएनएल पार्टी के पास इस समय 78 सीटें है,जबकि नेपाली कांग्रेस 89 सीटों के साथ सदन में सबसे बड़ी पार्टी है। इस वजह से इस गठबंधन के समर्थन के पीछे 167 प्रतिनिधियों के हाथ होंगे। 

यह भी पढ़े:

नेपाल में गिरी प्रचण्ड सरकार! पीएम पद से दिया इस्तीफा

बता दें की ये चौथी बार है की केपी शर्मा ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है। वे पहले भी नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके है। केपी शर्मा के चीन के सबंधों की जानकारी समूचे विश्व को है। कई आलोचकों से यह भी कहा  जाता है ओली चीन से ग्रीन सिग्नल पाकर ही सारे काम करते है। पिछली बार प्रधानमंत्री होने के बाद ओली ने भारत नेपाल सीमा विवाद को तीखा कर दिया था। एक तरफ भारत नेबर फर्स्ट की निति से नेपाल के मदद की कोशिश कर रहा था तो दूसरी तरफ कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा के विवाद को बिना वजह खींचकर ओली ने दोनों देशों के बीच बखेड़ा खड़ा किया था। आलोचकों ने ओली के बर्ताव के पीछे चीन का हाथ होने की बातें की थी। 

ओली के प्रधानमंत्री पद के चलते भारत के हाथ एकबार जल चुके है। ऐसे में ओली के फिर से प्रधानमंत्री के रूप में आनेपर भारत-नेपाल सबंधों में तनाव निर्माण होने का डर बना हुआ है।

यह भी पढ़े:

कोंकण में भारी बारिश, नदियों का जलस्तर बढ़ा; रायगढ़-रत्नागिरी रेड अलर्ट, प्रशासन अलर्ट!

 

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,399फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
176,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें