इस दौरान मुख्यमंत्री ने रामसरणी आंचलिक पंचायत के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों की 7474 सदस्यों को चेक वितरित किए।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “असम में 40 लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं, जिनमें से अब तक 8 लाख महिलाएं “लखपति दीदी” बन चुकी हैं। इस संख्या को और बढ़ाने के लिए, असम सरकार अब 35 लाख महिलाओं को एक लाख रुपये तक का आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है।”
स्वयं सहायता समूह से जुड़ी लखपति दीदी पार्वती ने बताया कि सीएम लखपति दीदियों के बारे में सोचते हैं और कई तरह की योजनाएं चला रहे हैं। इसके लिए सीएम हिमंत बिस्वा सरमा को बहुत धन्यवाद। सीएम की तरफ से योजना के तहत बैंक से लोन दिया गया। लोन के जरिए मिले पैसे से मत्स्य पालन और डेयरी का कारोबार किया जाता है।
एक अन्य महिला ने कहा कि लखपति दीदी पहल की शुरुआत करने पर हम सब में खुशी का माहौल है। इन पैसों से कोई फार्मिंग तो कोई सिलाई का काम करेगा। जिसमें जो हुनर होगा वह उसी के अनुरूप कारोबार करेगा। लखपति दीदी सशक्त होने के साथ आत्मनिर्भर बन रही हैं।
पूर्णिमा दास ने बताया कि इन पैसों से अपने कारोबार का विस्तार करूंगी। केंद्र और राज्य सरकार कई तरह की जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही है, जिसका हम लोगों को बहुत लाभ हो रहा है।
केंद्र सरकार देश की महिलाओं को सशक्त बनाने और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए, समाज में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए बहुत सारी योजनाएं चलाती है। केंद्र की ओर से महिलाओं को स्वरोजगार को लेकर बढ़ावा देने के लिए लखपति दीदी योजना शुरू की है।
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