सोमवार सुबह सांसद साकेत गोखले ने अपने एक्स अकाउंट से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन बनाने के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर फर्जी खबर फैलाई है। अपने ट्वीट में उन्होंने दावा किया कि इन ट्रेनों के निर्माण की लागत 50 फीसदी तक बढ़ा दी गई है। उन्होंने मोदी सरकार पर ‘क्विड प्रो क्वो’ भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया।
मोदी सरकार ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन बनाने के लिए 58 हजार करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट में संशोधन किया है। जिस ट्रेन की कीमत पहले 290 करोड़ थी अब उसकी कीमत 436 करोड़ हो गई है। गोखले ने दावा किया, यह केवल एसी कोच वाली ट्रेन है जिसका खर्च गरीब नहीं उठा सकते। वंदे भारत समझौते में 50 फीसदी बढ़ी लागत से किसे फायदा हो रहा है? टीएमसी सांसद गोखले ने आरोप लगाया है कि शुरुआती समझौता 58 हजार करोड़ रुपये की लागत से 200 वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें बनाने का था।
Important:
Modi Govt has revised the ₹58,000 crores contract for making Vande Bharat sleeper trains
A train that cost ₹290 crores earlier will now cost ₹436 crores
This is a train with ONLY AC coaches that poor cannot afford.
Who is benefiting from this 50% cost increase… pic.twitter.com/sR8qLgK7DK
— Saket Gokhale MP (@SaketGokhale) September 16, 2024
उन्होंने दावा किया कि नए कोंट्रेक्ट में ट्रेनों की संख्या घटाकर 133 कर दी गई है और एक ट्रेन बनाने की लागत 290 करोड़ रुपये से घटाकर 436 करोड़ रुपये कर दी गई है। हालाँकि, साकेत गोखले के झूठे दावों को रेल मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। नए अनुबंध में वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के कोचों की संख्या 16 से बढ़ाकर 24 कर दी गई है। ऐसा रेल यात्रा की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
प्रति कोच की लागत को डिब्बों की संख्या से गुणा करने पर ट्रेन की लागत के बराबर होती है। रेल मंत्रालय ने गोखले के ट्वीट के संदर्भ में कहा, कोंट्रेक्ट में तय डिब्बों की कुल संख्या को ध्यान में रखते हुए, हमने लंबी ट्रेनें बनाने के लिए कोच की संख्या 16 से बढ़ाकर 24 कर दी है। पिछले कांट्रेक्ट के अनुसार ट्रेन के कोचों की कुल संख्या 3200 (प्रत्येक ट्रेन में 60 कोच वाली 200 ट्रेनें) थीं। अब कुल 3192 कोच (24 कोच की 133 ट्रेनें) का निर्माण किया जाएगा।
Please stop spreading misinformation and fake news.
Cost per coach multiplied by number of coaches equals the cost of train.
In sleeper project, cost per coach is lower than all benchmarks because of the transparency in process.
We have increased the number of coaches from… https://t.co/tLUmUsGx5x
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) September 16, 2024
रेलवे ने ट्रेन की लंबाई बढ़ाकर कुल कोंट्रेक्ट का मूल्य कम कर दिया। मंत्रालय ने इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें ‘अमीर भारतीयों की सेवा के लिए डिज़ाइन की गई थीं।’ इसमें कहा गया है, ”रेल यात्रा की बढ़ती मांग को देखते हुए, हम रिकॉर्ड संख्या में 12,000 गैर-एसी कोच का निर्माण कर रहे हैं।”
आपको बता दें, तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सांसद साकेत गोखले पर ईडी द्वारा मनी लांड्रिंग का केस चल रहा है, जिसके अनुसार उन पर लोगों से क्राउड फंडिंग के जरिए जमा किए पैसे को अपने पर खर्च करने, और शेयर मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग में लगाने के आरोप है।