लोकसभा चुनाव 2024: ठाकरे, शिंदे-भाजपा? मुंबईकर किसके साथ, क्या है गणित?

उत्तर प्रदेश के बाद यही एक राज्य है, जहां से देश की संसद में सबसे ज्यादा सांसद चुनता है। महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों के कारण ही देश की सत्ता पर किसका कब्जा होगा|इसीलिए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र का एक अलग ही महत्व है|

लोकसभा चुनाव 2024: ठाकरे, शिंदे-भाजपा? मुंबईकर किसके साथ, क्या है गणित?

Lok Sabha Elections 2024: Thackeray, Shinde-BJP? Mumbaikar with whom, what is the mathematics?

लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई हुई है|राज्य में दो प्रमुख पार्टियों के बीच बगावत के चलते देश का ध्यान महाराष्ट्र की राजनीति पर केंद्रित हो गया है|सबसे बड़ी बात यह है कि उत्तर प्रदेश के बाद यही एक राज्य है, जहां से देश की संसद में सबसे ज्यादा सांसद चुनता है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों के कारण ही देश की सत्ता पर किसका कब्जा होगा|इसीलिए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र का एक अलग ही महत्व है|इसके अलावा राजधानी मुंबई होने के कारण सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है कि यहां से किस पार्टी का सांसद चुना जाएगा|

मुंबई जिले में कुल छह लोकसभा क्षेत्र हैं। इसमें छह निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं, जिसमें उत्तर मुंबई, उत्तर मध्य मुंबई, उत्तर पश्चिम मुंबई, उत्तर पूर्व मुंबई, दक्षिण मध्य मुंबई और दक्षिण मुंबई है|वही उत्तरी मुंबई निर्वाचन क्षेत्र में 16 लाख से अधिक मतदाता हैं। उत्तर दक्षिण मुंबई निर्वाचन क्षेत्र में 16 लाख 98 हजार, उत्तर पूर्व मुंबई निर्वाचन क्षेत्र में 15 लाख 58 हजार, उत्तर मध्य मुंबई निर्वाचन क्षेत्र में 16 लाख 48 हजार और दक्षिण मध्य मुंबई निर्वाचन क्षेत्र में 14 लाख 15 हजार मतदाता हैं।

वर्ष 2019 के चुनाव में दो पार्टियों शिवसेना और भाजपा का गठबंधन था| इसलिए, गठबंधन ने मुंबई की छह में से छह लोकसभा सीटें जीतीं। इसमें भाजपा के मनोज कोटक, पूनम महाजन, गोपाल शेट्टी समेत तीन सांसद चुने गए, जबकि शिवसेना के अरविंद सावंत, गजानन कीर्तिकर और राहुल शेवाले ने अपना जीत दर्ज कर संसद पहुंचे। जबकि राज्य में विधानसभा चुनाव हुए और राजनीतिक गणित बदल गया|

गौरतलब है कि एक बड़ा वर्ग भाजपा पर विश्वास करने वाला भी है|राज्य में कांग्रेस और एनसीपी में बगावत के बाद अब उनके पास ज्यादा ताकत नहीं बची है, लेकिन मुंबई में एक मुस्लिम वर्ग है,जो दोनों पार्टियों में बटा हुआ है। इसलिए यहां दलित समुदाय की भी निर्णायक भूमिका मानी जाती है|अब यह देखना होगा कि आगामी लोकसभा चुनाव में मुंबई के मतदाता किसे वोट देंगे।

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