चुनाव आयोग ने जाति, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर प्रचार करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों बड़ी पार्टियों पर कड़ी कार्रवाई करने निर्देश दिया है। इस मामले में दोनों ही पार्टियों को सलाह दी गई है कि वे चुनाव प्रचार में मर्यादा का ख्याल रखें|अनाप-सनाप की बयानबाजी से बचें। चुनाव आयोग ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के चुनाव प्रचार की गुणवत्ता में बेहद गिरावट आई है जिसके मद्देनजर यह आदेश जारी किए गए है।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के स्टार प्रचारकों से देश की सेना की राजनीतिकरण न करने की सलाह दी है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी को भी ऐसे बयानबाजी का प्रयोग नहीं करने की भी सलाह दी है जिससे समाज में विभाजन पैदा हो।
लोकसभा चुनाव के बीच राजनीतिक दलों के नेताओं की बयानबाजी का सिलसिला भी जारी है। चुनाव आयोग द्वारा लगातार ऐसे मामलों पर कार्रवाई भी की जा रही है। इस बीच चुनाव आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को निर्देश दिए हैं। दोनों नेताओं से कहा गया है कि अपने स्टार प्रचारकों को कोई भी बयान देते समय सावधानी बरतने और मर्यादा बनाए रखने के निर्देश दें।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेताओं से कहा है कि आधारहीन बयानबाजी न करें। मुख्य रूप से संविधान को खत्म करने और अग्निवीर योजना खत्म करने वाले बयान न देने के आदेश दिए गए हैं। कांग्रेस प्रचारकों और उम्मीदवारों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि वे रक्षा बलों पर राजनीति न करें। साथ ही रक्षा बलों की सामाजिक और आर्थिक संरचना को लेकर विभाजनकारी भाषण न देने का आदेश दिया है।
चुनाव आयोग द्वारा चुनाव प्रचार के गिरते स्तर को देखते हुए ये आदेश दिए गए हैं। आयोग ने जाति, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर प्रचार करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथों लिया। आयोग ने भाजपा को निर्देश दिए हैं कि पार्टी के नेता अपने भाषणों के दौरान धार्मिक और सांप्रदायिक बयानबाजी न करें। यह भी कहा गया है कि समाज को बांटने वाले बयानों से बचें। चुनाव आयोग ने इस बात पर भी जोर दिया कि चुनाव के समय सत्तारूढ़ दल पर अतिरिक्त जिम्मेदारी होती है।
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