एनसीपी में बड़ी फूट एनसीपी में बड़ी फूट के बाद अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी के 9 विधायकों ने शिंदे-फडणवीस सरकार में शपथ ली तो राजनीतिक गलियारों में उत्साह बढ़ गया| इसके बाद अजित पवार समेत सभी 9 मंत्रियों ने विभिन्न मुद्दों पर सीधे तौर पर पार्टी अध्यक्ष शरद पवार की आलोचना की| इसके बाद अजित पवार गुट ने ऐलान किया कि उन्होंने सीधे तौर पर शरद पवार को पद से हटा दिया है और कहा है कि अजित पवार को पार्टी अध्यक्ष चुन लिया गया है| इस पृष्ठभूमि में मंत्री पद का बंटवारा कैसे होगा? एक सरकारी जीआर इस समय चर्चा में है जबकि इस पर गर्मागर्म बहस चल रही है।
एक तरफ जहां शिंदे-फडणवीस सरकार में कैबिनेट विस्तार पिछले कुछ महीनों से लटका हुआ है, वहीं दूसरी तरफ सत्ता में आते ही अजित पवार समेत 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ले ली है| इससे सत्ता में बैठे शिंदे गुट और भाजपा में मंत्री पद के दावेदारों के बीच नाराजगी की चर्चा जोरों पर है| इसके बाद चर्चा शुरू हो गई कि उद्धव ठाकरे सरकार में वित्त मंत्री का पद संभाल रहे अजित पवार को फिर से वित्त मंत्री का पद मिलेगा| इसको लेकर सरकार की नई जीआर पर दलीलें दी जा रही हैं|
जब अजित पवार वित्त मंत्री थे, तब शिंदे गुट के विधायकों को फंड नहीं दिए जाने की शिकायत कर शिवसेना अलग हो गई थी। हालांकि, अब कहा जा रहा है कि शिंदे गुट में बेचैनी है क्योंकि ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अजित पवार को फिर से वित्त मंत्री का पद दिया जाएगा| इस पृष्ठभूमि में, यह देखा गया है कि 7 जुलाई को राज्य सरकार द्वारा जारी जीआर में वित्त मंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस के नाम का उल्लेख नहीं किया गया था।
बिजली टैरिफ रियायत के लिए समिति की सूची…: मई में हुई कैबिनेट बैठक में संबंधित विभाग ने विदर्भ, मराठवाडा, उत्तर महाराष्ट्र के औद्योगिक उपभोक्ताओं को बिजली टैरिफ रियायत देने का प्रस्ताव पेश किया था| प्रस्ताव पर निर्णय लेने के लिए बिजली मंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट उप समिति का गठन किया गया है| इस जीआर समिति में सदस्यों की सूची दी गई है और वित्त मंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस का कोई नाम नहीं है।
सूची में केवल ‘मंत्री (वित्त)’ का उल्लेख है!: सूची में पांच सदस्यों के नाम हैं। उप-समिति के अध्यक्ष के तौर पर पहला नाम उपमुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री देवेंद्र फडणवीस का है। लेकिन दूसरे नंबर पर सिर्फ ‘मंत्री (वित्त)’ लिखा है| तीसरे स्थान पर सुधीर मुनगंटीवार, चौथे स्थान पर उदय सामंत और पांचवें स्थान पर अतुल सावे हैं।
अयोग्यता के नोटिस का जवाब देने के लिए केवल सात दिन;शिरसाट ने कहा, ”हमारे वकील..!”