विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने 8 अप्रैल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी| इस खबर के सामने आने के बाद राज्य की राजनीति में सनसनी मच गई है| बैठक में अजित पवार के अलावा प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे के भी शामिल होने की खबर है| इसलिए अजित पवार के भाजपा के साथ जाने की चर्चा छिड़ गई है| इस पर शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद गजानन कीर्तिकर ने टिप्पणी की है।
गजानन कीर्तिकर ने जालना में मीडिया से बात करते हुए कहा: ‘अजित पवार ने भाजपा के साथ जाकर सुबह-सुबह शपथ ली|अजीत पवार ने अपने कार्यों से दिखा दिया है कि वह कुछ भी कर सकते हैं। अगर अजित पवार भाजपा के साथ जा रहे हैं तो हमारे पास उनका विरोध करने का कोई कारण नहीं है|गजानन कीर्तिकर ने कहा, अगर राकांपा से कुछ विधायकों के साथ अजित पवार जैसा नेता निकलता है तो हम उसका स्वागत करेंगे।
“…फिर हम एनसीपी को अपने साथ नहीं ले जाएंगे”: अगर अजित पवार भाजपा के साथ जाते हैं तो शिवसेना की क्या भूमिका होगी? यह सवाल शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय शिरसाट ने पूछा। शिरसात ने कहा, ”अजीत पवार अपनी चमड़ी बचाना चाहते हैं| ईडी द्वारा अनिल देशमुख, नवाब मलिक, हसन मुश्रीफ की भी जांच की जा रही है। तो क्या उन्हें डर नहीं लगता? क्या आप अकेले हैं जिन्हें डर लगता है? यह सब झूठ है। हालांकि, हम एनसीपी को स्वीकार नहीं करेंगे। उनका सवाल है कि भाजपा को क्या करना चाहिए,” शिरसाट ने समझाया।
आखिर क्या कहा अखबार ने?: एक अंग्रेजी अखबार ने कहा कि, ”मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास अयोग्यता की तलवार लटकी हुई है| इसलिए अजित पवार भाजपा के साथ मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं|अजित पवार को एनसीपी के 35 से 40 विधायकों का भी समर्थन हासिल है|लेकिन शरद पवार भाजपा के साथ जाने को तैयार नहीं हैं|
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