अजित पवार का बड़ा बयान,’साहस व्यर्थ नहीं जाता,साहस निकलता है’​!

हमारी अर्थव्यवस्था अब दुनिया के शीर्ष 10 देशों में है। अब प्रधानमंत्री की कोशिश है कि वह शीर्ष पांच में शामिल हों| हम जापान और जर्मनी से भी आगे निकल सकते हैं। इसके लिए सभी को कड़ी मेहनत करनी होगी| सभी को योगदान देना होगा| अजितदादा ने कहा कि इसमें बैंकों की भूमिका भी अहम होगी|

अजित पवार का बड़ा बयान,’साहस व्यर्थ नहीं जाता,साहस निकलता है’​!

Ajit Pawar's big statement, 'Courage does not go waste, courage comes out'!

बारामती सहकारी बैंक की वार्षिक आम बैठक राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की उपस्थिति में आयोजित की गई। इस बैठक में बोलते हुए अजितदादा भड़क उठे|चाहे मैं सत्ता में रहूं या नहीं|मैं सहकारिता से आया हूं|उन्होंने कहा, इसलिए मेरा आग्रह है कि काम पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए। हमारी अर्थव्यवस्था अब दुनिया के शीर्ष 10 देशों में है। अब प्रधानमंत्री की कोशिश है कि वह शीर्ष पांच में शामिल हों| हम जापान और जर्मनी से भी आगे निकल सकते हैं। इसके लिए सभी को कड़ी मेहनत करनी होगी| सभी को योगदान देना होगा| अजितदादा ने कहा कि इसमें बैंकों की भूमिका भी अहम होगी|

भूमिका सारथी, बार्टी जैसी सभी समाज के लिए योजना के माध्यम से सभी की मदद करना है। मैं जात-पात का सम्मान नहीं करने वाला कार्यकर्ता हूं। सभी को सौहार्द एवं एकता के साथ रहना चाहिए। हर किसी को एक भूमिका निभानी है। लोग बारामती नाम पर विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि बैंक का कार्य जनोन्मुखी एवं पारदर्शी होना चाहिए। बैंक में बहुत से लोग काम करते हैं,लेकिन, कुछ लोग कहते हैं कि इसे बदल दो। हर किसी को समस्या है| क्या प्रतिस्थापन के लिए पूछना सही है क्योंकि वह मेरे पास भी है? हमारे यहां कोई सीट नहीं बची है और अगर कोई मुझ पर दबाव डालेगा तो मैं ब्रांच से लोगों को भर्ती कर लूंगा|फिर, प्रतिस्थापन का कोई सवाल ही नहीं होगा| अनावश्यक दबाव न डालें| इस समय उन्होंने इसे धीरे-धीरे लेने की सलाह भी दी|

मैं अभी शांत हूं: कई राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय हुआ। कई सहकारी बैंकों की हालत खस्ता है| ऋणों के मामले में सख्त भूमिका न अपनाने के कारण बैंक संकट में पड़ गये। मेरा प्रयास अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना है| साथ ही, बैंक के पास एकमुश्त निपटान करने का कोई स्थायी अधिकार नहीं है। मैं अब चुपचाप बैठा हूं| सिर पर बर्फ रखें|सुनते रहो। एक ही तरह का सेटलमेंट होने पर बैंक काम नहीं करेंगे। इस समय दादा ने यह भी चेतावनी दी कि कुछ बैंकों के चेयरमैन अभी भी येरवडा में हैं|

अजित पवार हालांकि सभी के लिए समान न्याय: आरबीआई की ओर से बैंकों पर कई तरह की पाबंदियां आई हैं। इसलिए नियमों का पालन करें. अगर दमनकारी स्थितियां हों तो रिजर्व बैंक के पास जाएं| ऋण वसूली में सख्त भूमिका निभायें। भले ही कल अजित पवार हों, सभी को समान न्याय है। उन्होंने कहा कि ऋण देने में गलती होने पर ऋण लेने वाले के साथ-साथ संबंधित बैंक अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा सकती है| मुंबई को वित्तीय राजधानी के रूप में देखा जाता है। हमारा ज्यादातर टैक्स मुंबई से जाता है|  उधारकर्ता ऋण का भुगतान नहीं करता है. उसका भुरदंड जमानत पर फिट बैठता है। यदि कोई भुगतानकर्ता नहीं है तो गारंटी के रूप में हस्ताक्षर न करें।
अगर मैं सरकार में नहीं होता तो बायीं और दायीं नहर में पानी नहीं छोड़ा जाता| उसने पानी छोड़ दिया क्योंकि उसने साहस किया था। सौभाग्य से जब मैं साहस करता हूँ तो वह कभी व्यर्थ नहीं जाता। क्या ऐसा हो सकता है कि पानी होने पर अजित पवार पानी नहीं देंगे? जल का वितरण न्यायसंगत तरीके से किया जाता है। अजित पवार ने कहा कि सांस ले लीजिए|
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