महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया सत्ता संघर्ष शुरू हो गया है क्योंकि लगभग 40 एनसीपी विधायकों ने अजित पवार के साथ बगावत कर दी है। अजित पवार के समूह ने एनसीपी पार्टी और पार्टी चिन्ह ‘घड़ी’ पर दावा किया है| इस संबंध में अजित पवार गुट की ओर से चुनाव आयोग को एक पत्र भी सौंपा गया है, जिसमें कहा गया है कि अजित पवार ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं| इसके चलते एनसीपी में दो गुट एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं|
इस बीच सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील असीम सरोदे ने अजित पवार गुट के भविष्य को लेकर बड़ा बयान दिया है| असीम सरोदे ने साफ बयान दिया है कि अजित पवार का ग्रुप अवैध और असंवैधानिक है|
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बगावत पर प्रतिक्रिया देते हुए असीम सरोदे ने कहा, ‘अगर हम एकनाथ शिंदे के समूह के बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अर्थ को ठीक से समझें, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि अजीत पवार का समूह अवैध है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में स्पष्टता है| सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान बहुमत के मुद्दे पर चर्चा हुई| इसलिए लोकतंत्र में बहुमत हमेशा महत्वपूर्ण नहीं होता है।”
“जब मूल पार्टी और विधायक दल के बीच भ्रम होता है। तो सिर्फ विधायकों का बहुमत ही मायने नहीं रखता, बल्कि उस बहुमत का नाम क्या है? और उसकी कानूनी पहचान क्या है? यह बहुत महत्वपूर्ण है। इस मामले में अजित पवार के समूह का कोई कानूनी नाम नहीं है| कानूनी दायरे में उस समूह को कोई नाम नहीं दिया जा सकता| इसलिए अजित पवार का ग्रुप अवैध है| हमें स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि यह असंवैधानिक है”, असीम सरोदे ने कहा।
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