महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं|राज्य में महायुति को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद अब उनकी सरकार बन गयी है| देवेन्द्र फडनवीस मुख्यमंत्री बने। देवेन्द्र फडनवीस के सत्ता संभालने के बाद राज्य मंत्रिमंडल का भी विस्तार किया गया।इसमें 33 कैबिनेट मंत्रियों और 6 राज्य मंत्रियों ने शपथ ली|
इसके बाद कई राजनीतिक समीकरण बदलने लगे हैं|अब भाजपा नेता प्रो. राम शिंदे को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है| राम शिंदे को निर्विरोध विधान परिषद का अध्यक्ष चुना गया है|भले ही राज्य में महायुति को बहुमत मिला, लेकिन भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी|लिहाजा एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष पद का भार भाजपा पक्ष में गया है|इसके बाद सबकी नजर इस बात पर टिकी थी कि विधान परिषद का अध्यक्ष किसे चुना जाएगा|
शिवसेना नेता विधायक नीलम गोरे विधान परिषद के अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रही थीं। विधान परिषद का सभापति पद पाने के लिए शिवसेना ने पुरजोर कोशिश की थी, लेकिन विधान परिषद में संख्या बल के चलते भाजपा ने स्पीकर का पद अपने पास रखकर शिवसेना को झटका दे दिया है| विधान परिषद के सभापति पद के लिए भाजपा से राम शिंदे और प्रवीण दरेकर के नाम पर चर्चा हुई| लेकिन राम शिंदे को भाजपा ने मौका दिया|
एनसीपी नेता रामराजे निंबालकर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 7 जुलाई, 2022 से विधान परिषद के अध्यक्ष का पद खाली है। इस पद के लिए चयन प्रक्रिया आज आयोजित की गई|राम शिंदे ने कल विधान परिषद के अध्यक्ष पद के लिए अपना आवेदन दाखिल किया|
इस पद के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 18 दिसंबर दोपहर 12 बजे तक दी गई थी|बताया गया कि अध्यक्ष पद के लिए 19 दिसंबर को चुनाव होगा| इसके मुताबिक, विधान परिषद के सभापति पद के लिए सिर्फ राम शिंदे का ही आवेदन दाखिल किया गया था| इसके चलते भाजपा नेता राम शिंदे को निर्विरोध चुना गया|
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