भैया जाएंगे… दादा आएंगे क्या? शरद पवार के आशीर्वाद का इंतजार !

शरद पवार अभी भी जनता की राय बदल सकते हैं। इसलिए एनसीपी के नेता इस बात से वाकिफ हैं कि उनके खिलाफ फैसला लेना राजनीतिक आत्महत्या है​|

भैया जाएंगे… दादा आएंगे क्या? शरद पवार के आशीर्वाद का इंतजार !

Brother will go... Will grandfather come? Waiting for Sharad Pawar's blessings!

पिछले कुछ दिनों से जहां महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ी हलचल की बात हो रही है वहीं अब एक और दावे ने हलचल मचा दी है|बता​ दें कि ​राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पद छोड़ देंगे और अजीत पवार राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का एक धड़ा भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएगा। हालांकि, शरद पवार ने इस गठबंधन का समर्थन नहीं किया।
2019 में भाजपा​​ और अजित पवार के नेतृत्व में सत्ता गठन का प्रयोग फेल हो गया था|​​ उस समय 80 घंटे की सरकार बनी थी। उसके बाद यह खबर तब सामने आई है जब चर्चा है कि अजित पवार एक बार फिर राज्य में सक्रिय हो गए हैं| एक रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सिर पर अयोग्यता की तलवार लटक रही है|​ ​
एनसीपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक, शरद पवार को भाजपा​​ के साथ इस गठबंधन को आशीर्वाद देना चाहिए|​ ​हालांकि, पवार भाजपा​​ के साथ जाने के इच्छुक नहीं हैं|​​​ भाजपा के साथ गठबंधन करके शरद पवार अपने राजनीतिक करियर में सही ताकतों के साथ जाने का कलंक नहीं लगाना चाहते हैं|
 
शरद पवार अभी भी जनता की राय बदल सकते हैं। इसलिए एनसीपी के नेता इस बात से वाकिफ हैं कि उनके खिलाफ फैसला लेना राजनीतिक आत्महत्या है|इसलिए वे पवार के समर्थन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उधर, शरद पवार ने अजित पवार से अपनी जिम्मेदारी पर फैसला लेने को कहा है|​​ करीब 35 विधायक अजीत पवार के साथ बताए जा रहे हैं।
भाजपा के लिए संकटमोचक बनेंगे अजित पवार ?: हालांकि पार्टी ने अपना नाम और प्रतीक खो दिया है, उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है। भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षण के अनुसार, महाविकास अघाड़ी को राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 33 सीटें जीतने की उम्मीद है।
एक सूत्र के​ अनुसार मिली जानकारी के अनुसार​ भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र को हारने का जोखिम नहीं उठा सकती है। भाजपा​​ मुख्यमंत्री के तौर पर मराठा चेहरा चाहती है|​​ ताकि राज्य के 35 प्रतिशत​​ मराठा वोटरों को प्रभावित किया जा सके|भाजपा​​ इस वोटर को अजित पवार के जरिए अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रही है|
 

खाता आवंटन तय?: ​एक​ रिपोर्ट में ​काफी​ चौंकाने वाली जानकारी आयी​ है कि​ 8 अप्रैल को अजित पवार अचानक से चर्चित हो गए|​ ​उस वक्त अजित पवार निजी विमान से दिल्ली गए थे|​​ उस वक्त गृह मंत्री ​और ​अजित पवार से चर्चा हुई थी|​​ रिपोर्ट में दावा किया है कि एनसीपी नेताओं प्रफुल्ल पटले और सुनील तटकरे की मौजूदगी में अकाउंट शेयरिंग को भी सील कर दिया गया था।

प्रफुल्ल पटेल फैसिलिटेटर: इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल इस नए गठबंधन के सूत्रधार की भूमिका निभा रहे हैं| शरद पवार ने कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी। इस समय प्रफुल्ल पटेल उनके साथ नहीं थे।संजय राउत के दावे ने बढ़ाई भौंहें: यह भी दावा किया जा रहा है कि  भाजपा अब एनसीपी को तोड़ने पर ध्यान दे रही है| इन तमाम चर्चाओं पर शिवसेना ठाकरे गुट के मुखपत्र ‘रोखठोक’ से ‘रोखठोक’ के दावे को लेकर सांसद संजय राउत ने एक बार फिर सियासी भौंहें चढ़ा दी हैं| उन्होंने छेड़ा है कि राष्ट्रवादियों को तोडऩे का सीजन-2 आ गया है।
यहां तक कि एकनाथ शिंदे भी जेल नहीं जाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने भाजपा की राह स्वीकार कर ली| वह बेईमानों का नेता बन गया। शरद पवार से उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। उन्होंने कहा, वास्तव में कोई जाना नहीं चाहता, लेकिन परिवार को निशाना बनाया जा रहा है।

अगर कोई कुछ निजी फैसले लेना चाहता है तो यह उनका सवाल है, लेकिन एक ‘पार्टी’ के तौर पर हम बीजेपी के साथ जाने का फैसला नहीं करेंगे|​​ महाराष्ट्र की जनता वर्तमान सरकार से बेहद नाराज है। संजय राउत ने ‘रोखटोक’ सदर में कहा है कि पवार-ठाकरे की राय है कि जो लोग अब भाजपा​​ के साथ जाएंगे वे राजनीतिक आत्महत्या करेंगे​| ​

 
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