बैलगाड़ी दौड़ को लेकर पुनर्विचार याचिका, देवेंद्र फडणवीस ने कहा…!

राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने विश्वास जताया है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार सक्षमता से अपना पक्ष रखेंगी और सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका खारिज हो जायेगी|

बैलगाड़ी दौड़ को लेकर पुनर्विचार याचिका, देवेंद्र फडणवीस ने कहा…!

Reconsideration petition regarding bullock cart race, Devendra Fadnavis said...!

देशभर के किसानों के पास एक अंतरंग खेल, बैलगाड़ी दौड़ पर प्रतिबंध हटाने के फैसले पर पुनर्विचार करने की याचिका के बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है। राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने विश्वास जताया है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार सक्षमता से अपना पक्ष रखेंगी और सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका खारिज हो जायेगी|
पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़, तमिलनाडु में जल्लीकट्टू और कर्नाटक में कंबाला को दी गई अनुमति की समीक्षा की मांग की है। इस पृष्ठभूमि में विधायक महेश लांडगे ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात की और राज्य सरकार से इस पर सकारात्मक रूप से विचार करने का अनुरोध किया।
सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई 2023 को फैसला सुनाते हुए देश में बैलगाड़ी दौड़ और पारंपरिक खेलों को अनुमति दे दी। इस याचिका में पेटा संस्था ने यह पक्ष रखा है कि चूंकि उस रिजल्ट में त्रुटि है, इसलिए रिजल्ट पर पुनर्विचार करना जरूरी है| इससे किसानों, गाड़ी मालिकों और बैलगाड़ी प्रेमियों की चिंता बढ़ गई है| इस संबंध में विधायक लांडगे ने मानसून सत्र के मौके पर विधान भवन में उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात की।
ऑल इंडिया बैलगाड़ी एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप बोज ने बताया कि बैलगाड़ी दौड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई हो चुकी है| रेस शुरू करने पर पांच जजों की बेंच ने अपना फैसला सुनाया है, लेकिन, लोकतंत्र होने के नाते विपक्षी दल पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकते हैं|  पुनर्विचार याचिका का ज्यादा असर नहीं होगा, लेकिन, राज्य के किसानों, गाड़ी मालिकों, बैलगाड़ी प्रेमियों को सरकार के नियमों के अनुसार दौड़ का आयोजन करना चाहिए। नियमों का सख्ती से पालन करें| ताकि भविष्य में दौड़ को लेकर कोई दिक्कत न हो।

महाराष्ट्र में बैलों की ‘रनिंग एबिलिटी ऑफ बुल्स’ यानी दौड़ने की क्षमता और शारीरिक रचना को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक अहम रिपोर्ट सौंपी है।साथ ही कानून में जरूरी संशोधन और नियम भी बनाये गये हैं| इसके बावजूद कुछ संगठन अधिकारों का दुरुपयोग कर किसानों के अंतरंग खेल को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। यह मामला निश्चित रूप से अपमानजनक है और हम इस संबंध में अदालती लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।’ विधायक महेश लांडगे ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि किसानों के पक्ष में न्याय होगा|

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