Maharashtra: कैबिनेट बैठक में हुई चर्चा!, बंद होगी उद्धव और शिंदे की दोनों योजनाएं!

शुरू होगा 'आनंद' का राशन योजना?  मार्च माह में बजट सत्र के बाद इन दोनों योजनाओं पर विचार किया जायेगा|

Maharashtra: कैबिनेट बैठक में हुई चर्चा!, बंद होगी उद्धव और शिंदे की दोनों योजनाएं!

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राज्य सरकार इस समय वित्तीय संकट से जूझ रही है, इसलिए कुछ कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने की बात सामने आई है।वित्तीय संकट से बाहर निकलने के लिए सरकार अब पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समय शुरू की गई शिव भोजन थाली योजना और पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समय शुरू की गई आनंद राशन योजना को बंद करने की सोच रही है।चालू वित्तीय वर्ष में इन दोनों योजनाओं पर 1300 करोड़ रुपये खर्च किये गये|
मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इस पर चर्चा हुई| राज्य विधानमंडल का बजट सत्र मार्च माह में आयोजित किया जायेगा| इस सम्मेलन के बाद योजनाओं पर निर्णय लिये जाने की संभावना है|
राज्य का राजकोषीय घाटा दो लाख करोड़ से अधिक हो गया है और यह सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का तीन प्रतिशत है। राज्य के पूर्व खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने पत्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस से शिव भोजन थाली योजना को बंद नहीं करने का अनुरोध किया है। यह योजना महा विकास अघाड़ी के दौरान शुरू की गई थी जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे और छगन भुजबल खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री थे।

शिव भोजन थाली योजना क्या है?: शिव भोजन थाली योजना के तहत लाभार्थियों को मामूली कीमत पर भोजन की थाली प्रदान की जाती है। इस थाली में दो चपाती, एक कटोरी सब्जी, एक कटोरी दाल और चावल परोसे जाते हैं|गरीबों और जरूरतमंदों के लिए 10 रुपये में एक थाली उपलब्ध कराई गई।

शहर में एक शिव भोजन थाली की कीमत 50 रुपये है और ग्रामीण इलाकों में इसकी कीमत 35 रुपये है। राज्य सरकार की ओर से 10 रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है| बुधवार तक, राज्य भर में 1,80,644 थाली वितरित की गईं, योजना की सीमा 1,99,995 थाली है। इस योजना पर राज्य सरकार सालाना 267 करोड़ रुपये खर्च करती है|
‘लाडली बहना’ योजना के निहितार्थ?: महायुति सरकार द्वारा शुरू की गई ‘लाडली बहना’ योजना पर खर्च के कारण यह आशंका है कि राज्य सरकार का राजकोषीय घाटा 2 लाख करोड़ रुपये को पार कर जाएगा। इसलिए राज्य सरकार की ओर से खर्च कम करने के लिए सख्त कदम लागू किये जाने की संभावना है|
वित्तमंत्री अजित पवार ने भी इसका सुझाव दिया है. पिछले साल चुनाव के चलते कुछ रियायतें दी गई थी, लेकिन उन्होंने कहा था कि अगले पांच साल तक अनुशासन का पालन करना जरूरी है|
‘आनंद’ का राशन योजना क्या है?: यह योजना 2022 में दिवाली के दौरान शुरू की गई थी जब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री थे। पीला राशन कार्ड धारकों को चार खाद्य सामग्री रुपये की रियायती दर पर दी गई। उसके बाद 2023 में गुड़ी पड़वा और डाॅ. बाबा साहब अंबेडकर की जयंती, गणेशोत्सव और फिर दिवाली के मौके पर ‘आनंद’ राशन दिया गया|इस योजना के तहत एक-एक किलो सूजी, चना दाल, चीनी और एक लीटर सोयाबीन तेल दिया जाता है। राशन वितरण पर हर बार 500 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और राज्य में इस योजना के 1.6 करोड़ लाभार्थी हैं|
 
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