एकनाथ शिंदे ने दिल्ली की कठपुतली कहने वालों को ​लगाई फटकार​ ​!

विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई है​| किसान मेटाकुटी आये हैं​| सरकार इसे नजरअंदाज कर रही है और इस पर चर्चा करने को तैयार नहीं है​|इसलिए हमें सरकार की चाय पार्टी में जाना सही नहीं लगता, इसलिए हमने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है​|'

एकनाथ शिंदे ने दिल्ली की कठपुतली कहने वालों को ​लगाई फटकार​ ​!

Eknath Shinde reprimanded those who called Delhi's puppets!

महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर (गुरुवार) से शुरू हो रहा है​|महाविकास अघाड़ी ने इस सम्मेलन की पूर्व संध्या पर सरकार द्वारा आयोजित चाय समारोह का बहिष्कार किया​|इसके बाद महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की आलोचना की​|इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई है​| किसान मेटाकुटी आये हैं​| सरकार इसे नजरअंदाज कर रही है और इस पर चर्चा करने को तैयार नहीं है​|इसलिए हमें सरकार की चाय पार्टी में जाना सही नहीं लगता, इसलिए हमने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है​|
विपक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद राज्य सरकार ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की​|मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया​|प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फड़णवीस ने कहा, ”विपक्ष ने चाय समारोह का बहिष्कार किया​| यह कार्यक्रम चर्चा के लिए है​, लेकिन शायद विपक्षी दल के स्वभाव को देखते हुए अगली बार हमें उनके लिए सुपारी रखनी पड़ेगी​|इसलिए मुझे संभावना दिख रही है कि वे आ सकते हैं।’
इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी विपक्ष पर हमला बोला​|जब से एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने हैं, उनके दिल्लीवासी लगातार आ रहे हैं। साथ ही अजित पवार भी दिल्लीवासी हो गए हैं​|इसके चलते विपक्ष शिंदे और पवार दोनों की आलोचना कर रहा है​|मुख्यमंत्री की दिल्ली (भाजपा) की कठपुतली होने के लिए आलोचना की जाती है। इस आलोचना का मुख्यमंत्री शिंदे ने जवाब दिया​|
एकनाथ शिंदे ने कहा, आलोचना की जाती है कि हमने अपना आत्मसम्मान खो दिया है​|कहा जाता है कि वे दिल्ली जाते हैं, वे दिल्ली की कठपुतली हैं।लेकिन जिन्हें यहां मैडम की इजाजत के बिना नाक खुजलाने की भी इजाजत नहीं है, उन्हें हम पर आरोप नहीं लगाना चाहिए​|उन्हें स्वाभिमान की भाषा नहीं बोलनी चाहिए​|
एकनाथ शिंदे ने कहा, हम दिल्ली जाते हैं और फंड लेकर आते हैं​| केंद्र सरकार ने हमें जो पैसा दिया वह बिना मांगे नहीं मिला। हर किसी को प्रयास करना होगा और इसे आगे बढ़ाना होगा।’ एक ताकतवर शेर की तरह व्यवहार मत करो​| आपके अहंकार के कारण आपको केंद्र द्वारा भुगतान नहीं किया गया।आपने तो इसके लिए पूछा ही नहीं​| तुम्हारे अहंकार के कारण राज्य की हानि हुई।आपने राज्य में कई विकास परियोजनाओं को बंद और निलंबित कर दिया है।फिर जब हमारी सरकार आई तो हमने इसे शुरू किया​|आपने प्रदेश को पीछे ले जाने का काम किया|अब हम प्रदेश को आगे ले जा रहे हैं।
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