Maharashtra: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक के बयान से हर कोई हैरान!

हम हिंदू परंपरा के इतिहास को ठीक से समझें तो हमें पता चलेगा कि हिंदू समाज ने कभी भी दूसरे धर्म के व्यक्ति के साथ भेदभाव का व्यवहार नहीं किया है। ​मोहन​ भागवत ने कहा कि हिंदू धर्म की यह परंपरा जारी रहनी चाहिए​|​

Maharashtra: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक के बयान से हर कोई हैरान!

RSS chief Dr mohan Bhagwat reacts on mandir masjid row and ram mandir

आजकल कहीं न कहीं किसी मस्जिद के नीचे से या किसी दरगाह के नीचे से कोई मूर्ति प्रकट हो रही है| तुरंत कुछ हिंदू नेताओं ने उस मस्जिद या दरगाह की खुदाई के लिए अदालत में याचिका दायर की। कोर्ट भी इस पर आदेश देता है| इसके बाद लोगों के बीच मंदिर के मलबे या मूर्तियों के कुएं में गिरने की कहानियां फैलने लगती हैं।

इससे उस क्षेत्र की शांति भंग होती है और माहौल ख़राब होता है​|​ऐसा खासतौर पर उत्तर प्रदेश में है​|​ दरअसल इस पर अंकुश लगाना पुलिस का काम है, लेकिन वह चुप है​|​ सरकार की इस उदासीनता को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने ऐसी गतिविधियों पर कड़ी टिप्पणी की​|​ उन्होंने कहा था कि किसी भी पूजा स्थल के अंतर्गत हिंदू मंदिरों का दावा करना स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ हिंदू नेताओं की आक्रामकता के कारण देश की बदनामी हो रही है|

हिंदुओं को भाईचारे की छवि कायम रखनी चाहिए: पुणे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सहजीवन व्याख्यानमाला आयोजित की गई थी, जिसमें सरसंघचालक बोल रहे थे| कुछ स्वयंभू हिंदुओं को अनावश्यक हिंदू-मुस्लिम विवाद पैदा करने से बचना चाहिए। हिंदू परंपरागत रूप से उदार और सहिष्णु हैं। उन्होंने कहा कि अब हमें ऐसे किसी भी विवाद को खड़ा करने से बचना चाहिए जिससे हमारी परंपरा को ठेस पहुंचे|

मोहन भागवत के इस बयान के बाद हिंदू संगठनों में उत्साह बढ़ गया है| हर मस्जिद के नीचे मंदिर होने का दावा करने वालों को लगता है कि भागवत अपना प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं| लेकिन असली सवाल यह है कि ऐसे कार्यों से हिंदू समाज कब तक अपनी ताकत बरकरार रखेगा। भागवत ने एक तरह से समझाया कि हिंदुओं को दुनिया भर में अपनी सद्भावना छवि बनाए रखनी है, इसलिए धैर्य बनाए रखना जरूरी है|

मुस्लिम शासकों द्वारा गोहत्या पर प्रतिबंध: यद्यपि मुगल औरंगजेब ने निरंकुश तरीके से शासन किया, लेकिन उनके वंशज बहादुर शाह जफर ने गोहत्या पर प्रतिबंध लगा दिया, ऐसा सरसंघचालक मोहन भागवत ने पुणे में हिंदू सद्भावना समारोह में कही है| यहां कभी किसी को पराया नहीं समझा जाता और यही हिंदुओं की विशेषता है​|​ उनके इस भाषण की इस वक्त हर तरफ चर्चा हो रही है​|

उनके इस बयान से कई लोग हैरान हो गए हैं​|​ लेकिन अगर हम हिंदू परंपरा के इतिहास को ठीक से समझें तो हमें पता चलेगा कि हिंदू समाज ने कभी भी दूसरे धर्म के व्यक्ति के साथ भेदभाव का व्यवहार नहीं किया है। ​मोहन​ भागवत ने कहा कि हिंदू धर्म की यह परंपरा जारी रहनी चाहिए​|​

सरसंघचालक ने राम मंदिर पर क्या कहा?: डॉ. भागवत ने पुणे में इस व्याख्यानमाला में कहा, हर दिन कोई न कोई विवाद सामने आता है लेकिन यह सही नहीं है। राम मंदिर धर्म की पहचान से बना है| उस मंदिर से करोड़ों हिंदुओं की भावनाएं जुड़ी हुई थीं| हिंदू राम मंदिर बनाना चाहते थे, यह हिंदुओं की आस्था का स्थान है।’

हालांकि, सरसंघचालक ने बयान दिया था कि मंदिर बन जाने से कोई हिंदुओं का नेता नहीं बन जाता​|​ अब मंदिर बन चुका है तो अब मंदिर-मस्जिद पर कोई विवाद खड़ा करने की जरूरत नहीं है​|​ यह भारत के लिए यह दिखाने का समय है कि हम एक साथ, एकजुट होकर रह सकते हैं।​ हाल ही में कहा गया है कि कई मस्जिदों के नीचे मंदिरों के खंडहर मिले हैं, कुछ लोग इसके लिए अदालत भी जाते हैं। वे कोर्ट में याचिका भी दायर करते हैं​|​ सरसंघचालक ने कहा कुछ लोग सोचते हैं कि ऐसा करने से वे हिंदू नेता बन जायेंगे, लेकिन यह सोच ठीक नहीं है​|​

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