17वें दिन​ आमरण अनशन ​समाप्त​,​ मनोज ​जरांगे​ की पहली प्रतिक्रिया; कहा, “एकनाथ शिंदे…”

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जालना आकर जरांगे से चर्चा की और उसके बाद जरांगे ने शिंदे से फलों का रस लेकर अपनी ​आमरण​ अनशन तोड़ी​|​ दर्शकों के सामने बोलते हुए मनोज ​जरां​गे​ ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी​|

Fast unto death ends on 17th day, Manoj Jarange's first reaction; Said, "Eknath Shinde..!"

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे ने आज (14 सितंबर) 17वें दिन अपनी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल​ समाप्त की​ गयी|मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जालना आकर जरांगे से चर्चा की और उसके बाद जरांगे ने शिंदे से फलों का रस लेकर अपनी आमरण​ अनशन तोड़ी| दर्शकों के सामने बोलते हुए मनोज जरांगे ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी​|

मनोज जरांगे पाटिल ने कहा, ”यह राज्य में पहली घटना है और इसकी सराहना की जानी चाहिए​, जो अब तक कभी नहीं हुआ वो आज हो गया|मराठा आरक्षण के मुद्दे पर ध्यान देकर आमरण अनशन को सुलझाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद आये|मराठा समुदाय की ओर से तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत करें।”

काश एकनाथ शिंदे मराठा समुदाय के साथ न्याय कर पाते: “यह तालियाँ जीत का वादा करती हैं। आपकी वाहवाही बेकार नहीं जाएगी| 29 अगस्त को आंदोलन शुरू होने के बाद से मैं हर बार कहता रहा हूं कि काश एकनाथ शिंदे ही मराठा समुदाय को न्याय दे सकते,” मनोज जारांगे पाटिल ने अपनी राय व्यक्त की|
 
​शिंदे ने कहा कि बिना आरक्षण के पीछे नहीं हटेंगे: ”मैं पहले भी कहता रहा हूं कि मैं अपने समुदाय से प्यार करता हूं| मैंने हमेशा कहा है कि मैं समाज के हित में फैसला लूंगा और इसके बिना पीछे नहीं हटूंगा।’ यही भूमिका मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी निभाई है। उन्होंने यह भी कहा है कि जब तक आरक्षण नहीं मिलेगा, वे पीछे नहीं हटेंगे|”
 
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