​गोपीचंद पडलकर ​ने​ ​बोला हमला, कहा, भेड़िये का शावक हैं ​अजित पवार​ ​!

पडलकर ने आलोचना करते हुए कहा कि अजित पवार झूठ बोलने वाले भेड़िये का शावक हैं। गोपीचंद पडलकर ने धनगर आरक्षण और समाज के विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को पत्र लिखा है। लेकिन, अजित पवार को पत्र नहीं लिखा गया| इस बारे में पूछे जाने पर गोपीचंद पडलकर ने अजित पवार पर निशाना साधा है|

​गोपीचंद पडलकर ​ने​ ​बोला हमला, कहा, भेड़िये का शावक हैं ​अजित पवार​ ​!

Gopichand Padalkar attacked, said Ajit Pawar is a wolf cub!

अजित पवार 2 जुलाई को एनसीपी के कुछ विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हुए थे। अब विधायक गोपीचंद पडलकर ने सीधे तौर पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर हमला बोला है| नगर समाज को लेकर अजित पवार की भावना साफ नहीं है| पडलकर ने आलोचना करते हुए कहा कि अजित पवार झूठ बोलने वाले भेड़िये का शावक हैं। गोपीचंद पडलकर ने धनगर आरक्षण और समाज के विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को पत्र लिखा है। लेकिन, अजित पवार को पत्र नहीं लिखा गया| इस बारे में पूछे जाने पर गोपीचंद पडलकर ने अजित पवार पर निशाना साधा है|

‘हम अजित पवार का सम्मान नहीं करते’ गोपीचंद पडलकर ने कहा, ‘अजित पवार की धनगर समाज के प्रति भावना शुद्ध नहीं है| इसलिए अजित पवार को पत्र देने की कोई जरूरत नहीं है| अजित पवार झूठ बोलने वाले भेड़िये का झूठ बोलने वाला बच्चा है। हम अजित पवार का सम्मान नहीं करते और कभी पत्र नहीं दिया|आगे देने की जरूरत नहीं है| इसलिए हमने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री फड़नवीस को एक पत्र दिया है जिनसे हम न्याय पा सकते हैं।
 
सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, “…इसलिए धनगर समुदाय के बारे में ज्यादा हंगामा करने की जरूरत नहीं है”: मराठा, धनगर, लिंगायत और मुसलमानों को भाजपा ने धोखा दिया है। पडलकर ने भी इसकी आलोचना की है| “यह लेटे हुए भेड़िये की झील बात कर रही है। धनगर समाज ने आपके पालखाओं का व्यवहार किया। लोगों के जूते भी फटे तो आपके पिता, भाई, भतीजे या आपने धनगर समाज की तरफ नहीं देखा। इसलिए धनगर समाज को लेकर ज्यादा शोर मचाने की जरूरत नहीं है| हमारे लोग होशियार हो गए हैं|
“धनगर समाज के आरक्षण को लेकर उनकी भावनाएं…”: सुप्रिया सुले, शरद पवार या अजित पवार ने क्या कहा, इसकी परवाह नहीं करतीं| धनगर समाज के आरक्षण को लेकर उनकी भावना पेट में एक और जुबान पर एक है। गोपीचंद पडलकर ने कहा, इसलिए उनसे कोई उम्मीद नहीं है|
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