कुछ दिनों पहले ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत को ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने एक कथित मेल घोटाले में गिरफ्तार किया था। करीब 104 दिन जेल में बिताने के बाद कोर्ट ने संजय राउत को जमानत दे दी। राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि संजय राउत के खिलाफ कार्रवाई राजनीतिक बदले की भावना से की गई है। इसलिए, यह भविष्यवाणी की गई थी कि वे जल्द ही रिहा नहीं होंगे।
हालांकि संजय राउत 104 दिन में जेल से बाहर आ गए। ईडी द्वारा मुकदमा चलाए गए किसी भी अन्य राजनीतिक नेता की तुलना में संजय राउत जेल से बाहर आने वाले पहले व्यक्ति थे। तो उन्हें जेल से बाहर निकालने में कौन शामिल था? इसको लेकर लोगों में उत्सुकता है।संजय राउत के ठाकरे गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से अच्छे संबंध हैं। इसलिए कहा जा रहा है कि संजय राउत इन दोनों नेताओं की मदद से ही जेल से बाहर आए होंगे।लेकिन राउत को जेल से किसने छुड़ाया? उनके लिए कानूनी लड़ाई किसने लड़ी? इस बात का खुलासा खुद संजय राउत ने किया है। ईडी की कार्रवाई और जेल से रिहाई के बारे में पूछे जाने पर संजय राउत ने कहा, ‘देश भर में ईडी के अभियानों में अब तक मैं अकेला ऐसा शख्स हूं, जो सिर्फ तीन महीने में जेल से रिहा हुआ है| मैं बेदाग होकर बाहर आया हूं, अदालत ने कहा कि मेरी गिरफ्तारी अवैध थी।
जेल से रिहाई करने में कौन सा नेता शामिल था? इस पर टिप्पणी करते हुए संजय राउत ने उन्हें जेल से बाहर निकालने का सारा श्रेय अपने भाई और ठाकरे गुट के विधायक सुनील राउत को दिया| इस दौरान राउत ने कहा, ”मैं साढ़े तीन महीने जेल में रहा, मुझे यकीन था कि सुनील राउत मुझे 100 प्रतिशत जेल से बाहर निकालेंगे|
मुझे पता होता था कि सुनील बाहर क्या कर रहा है। मैं उनकी मेहनत देख रहा था। जब मैं जेल से बाहर आया तो मैंने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। तब उद्धव ठाकरे ने कहा, संजय तुम सुनील के कारण निकले हो। उसके बाद मैं शरद पवार के पास गया, तो शरद पवार ने भी कहा, सुनील राउत की मेहनत है इसलिए आप बाहर आए| यह सच है कि जिस तरह से सुनील बाहर कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे, मैं ऐसा कभी नहीं कर पाता|
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