हालांकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फैसला किया है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में अपने समर्थक 50 विधायकों में से किसी को भी हारने नहीं देंगे, लेकिन कुछ विधायकों के ‘उद्योग’ और निर्वाचन क्षेत्र की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए शिंदे को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। सभी विधायकों को दोबारा चुनने की चुनौती |
शिवसेना के 40 विधायकों ने एकनाथ शिंदे की बगावत का समर्थन किया| इसके अलावा निर्दलीय और छोटे दलों के दस विधायकों ने शिंदे का समर्थन किया| पिछले साल बगावत में शिंदे को 50 विधायकों का समर्थन मिला था| शिंदे ने इन सभी 50 विधायकों को फिर से निर्वाचित करने का संकल्प व्यक्त किया है। शिंदे की इन विधायकों को आगामी चुनाव में निर्वाचित करने का वादा करके कुछ हद तक उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश है क्योंकि मौजूदा राजनीतिक हालात के कारण वादा किए गए हर विधायक को कैबिनेट में नियुक्त करना संभव नहीं है।
अक्सर ऐसा महसूस होता है कि शिंदे को अपने विधायकों की बिल्कुल भी परवाह नहीं है| अब्दुल सत्तार, भरत गोगावले, संजय शिरसाट जैसे मंत्री या विधायक स्वयंभू नेता बन गए हैं। मंत्रिमंडल का विस्तार और किसे शामिल करना है यह पूरी तरह से मुख्यमंत्री का अधिकार है। लेकिन दो विधायक गोगावले और शिरसाट पिछले साल से कह रहे हैं कि उन्हें कैबिनेट में शामिल किया जाएगा|गोगवले ने घोषणा की कि वह रायगढ़ के संरक्षक मंत्री होंगे।
दरअसल मुख्यमंत्री शिंदे को इन विधायकों को दूर रखना चाहिए था|अब्दुल सत्तार जिसके भी साथ होते हैं उसकी मधुरता गाते हैं। जब वे शिवसेना में शामिल हुए तो उद्धव ठाकरे की काफी तारीफ हुई|एकनाथ शिंदे का समर्थन करने के बाद उन्होंने उनके मधुर गीत गाना शुरू कर दिया|अगर कल कुछ भी अप्रिय हुआ तो सत्तार शिंदे पर जुबानी हमला करने से नहीं हिचकिचाएंगे। मराठवाड़ा से विधायक संतोष बांगर भी अपने व्यवहार से विवादित हो गए हैं| दादर जैसे ठाकरे गुट के गढ़ में शिंदे गुट को किस हद तक बाजी मारनी पड़ेगी, इसे लेकर भी संदेह व्यक्त किया जा रहा है|
शिंदे समर्थक शिवसेना के कई विधायकों के व्यवहार से उनके क्षेत्र में नाराजगी है| शिंदे के सामने इन सबसे पार पाकर सभी विधायकों को दोबारा चुनकर लाने की बड़ी चुनौती होगी। हालांकि शिंदे ने सभी विधायकों को चुनने के अपने दृढ़ संकल्प के लिए तालियां बटोरीं, लेकिन उनमें से कुछ ने सत्ता पर जो छुपा रखा है, उसे देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि ये विधायक फिर से चुने जाएँगे।
यह भी पढ़ें-
राज ठाकरे ने अनोखे अंदाज में की वर्तमान राजनीति की आलोचना !