राकांपा नेता जितेंद्र आव्हाड ने रामनवमी के दिन औरंगाबाद में दंगा हुआ था| उसके बाद, ऐसा लगता है कि रामनवमी और हनुमान जयंती सिर्फ राज्य में दंगे कराने के लिए हैं|जितेंद्र आव्हाड इस बयान से राजनीतिक हलकों में बवाल मच गया है| शिवसेना नेता नरेश म्हस्के ने भी टिप्पणी की कि “जितेंद्र आव्हाड कट्टर हिंदुत्व विरोधी हैं”। साथ ही इस बयान को लेकर आव्हाड के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
क्या कहा जितेंद्र आव्हाड ने?: “रामनवमी के दिन औरंगाबाद में दंगा हुआ था| उसके बाद रामनवमी और रामनवमी और हनुमान जयंती सिर्फ प्रदेश में दंगे कराने के लिए है, ऐसा लगने लगा है| वास्तव में, आने वाला वर्ष साम्प्रदायिक दंगों का वर्ष होगा क्योंकि शासक देश के युवाओं को नौकरी देने में असमर्थ हैं। राकांपा के जितेंद्र आव्हाड ने पार्टी खेमे में कहा, “वे महंगाई को कम नहीं कर सकते, इसलिए सत्ताधारी पार्टी के पास धार्मिक समारोह करके वोट पाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”
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