महाराष्ट्र: मुंबई के धारावी परियोजना सर्वेक्षण ने पिछले बेंचमार्क को किया पार!

झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) के दिशानिर्देशों के तहत, केवल भूतल पर स्थित मकानों को ही मुफ्त आवास के लिए पात्र माना जाता है।

महाराष्ट्र: मुंबई के धारावी परियोजना सर्वेक्षण ने पिछले बेंचमार्क को किया पार!

Maharashtra-Dharavi project survey surpasses previous benchmark!

प्रस्तावित पुनर्विकास परियोजना के लिए धारावी सर्वेक्षण ने पिछले बेंचमार्क को पार कर लिया है। मौजूदा समय में चल रहे सर्वेक्षण ने धारावी के आवासीय और व्यावसायिक ढांचों का मानचित्रण और दस्तावेजीकरण करने के लिए 2007-08 में किए गए पिछले सर्वेक्षण के दायरे को पार कर लिया है।

मौजूदा समय में 63,000 से अधिक आवासों का सर्वेक्षण हो चुका है। इसके पहले के सर्वेक्षण में करीब 60,000 ग्राउंड फ्लोर आवासों का सर्वेक्षण हुआ था। झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) के दिशानिर्देशों के तहत, केवल भूतल पर स्थित मकानों को ही मुफ्त आवास के लिए पात्र माना जाता है।

धारावी पुनर्विकास परियोजना (डीआरपी) के सीईओ एसवीआर श्रीनिवास ने कहा, “हमारे सर्वेक्षण ने एक महत्वपूर्ण और निर्णायक मील का पत्थर पार कर लिया है। यह पुनर्विकास योजना केवल भूतल के घरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ऊपरी मंजिल के ढांचों को भी कवर करती है। यह दर्शाता है कि सरकार सभी के लिए आवास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। धारावी में किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा।”

ताजा सर्वेक्षण आंकड़ों के अनुसार, 95,000 से अधिक आवासों के लिए लेन रेकी पूरी हो चुकी है, 89,000 से अधिक आवासों की संख्या निर्धारित की जा चुकी है और 63,000 से अधिक आवासों के लिए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। पिछले सर्वेक्षण के विपरीत, वर्तमान सर्वेक्षण में ग्राउंड-फ्लोर और ऊपरी-फ्लोर की संरचनाएं, मौजूदा एसआरए बिल्डिंग्स, आरएलडीए भूमि पर झुग्गी-झोपड़ियां, साथ ही सभी धार्मिक संरचनाएं भी शामिल हैं।

श्रीनिवास ने कहा, “हम सर्वेक्षण के अंतिम चरण में प्रवेश कर चुके हैं। संख्याएं स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं कि ‘धारावीकर’ पुनर्विकास के पक्ष में हैं और सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। फिर भी, हम सभी से जल्द से जल्द भाग लेने का आग्रह करते हैं ताकि पुनर्विकास के अगले चरण शुरू हो सके, जो निवासी सर्वेक्षण से चूक गए हैं, उन्हें जल्दी से जल्दी इसके लिए स्वेच्छा से आगे आना चाहिए। हम उन घरों का फिर से दौरा नहीं कर सकते हैं, जिनके निवासियों ने या तो भाग लेने से इनकार कर दिया है या सर्वेक्षण के लिए बार-बार अनुरोध और प्रयासों के बावजूद अपने दस्तावेज साझा नहीं किए हैं।”

इस परियोजना पर काम करने वाली कंपनी नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (एनएमडीपीएल) करीब 1.5 लाख आवास बनाने की योजना पर काम कर रही है।

प्रगति पर टिप्पणी करते हुए, एनएमडीपीएल के प्रवक्ता ने कहा, “हमें सर्वेक्षण के अंत के करीब होने पर खुशी है और हम उन सभी निवासियों को प्रोत्साहित करते हैं, जो अभी तक सर्वेक्षण में शामिल नहीं हुए हैं, वे जल्द से जल्द आगे आएं।

हमने ‘धारावीकर’ से जबरदस्त प्रतिक्रिया देखी है। उनकी सकारात्मकता और सम्मानजनक जीवन की इच्छा ने इस पुनर्विकास परियोजना को आगे बढ़ाया है। हम उनकी भावना को सलाम करते हैं। हम अपने और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन के उनके सपने का सम्मान करते हैं।”

सभी पात्र ‘धारावीकरों’ का पुनर्वास धारावी में ही किया जाएगा। जो लोग अपात्र पाए जाएंगे, उन्हें धारावी के बाहर आधुनिक टाउनशिप में स्थानांतरित किया जाएगा, जिसमें समग्र सुविधाएं और आधुनिक बुनियादी ढांचा होगा। नई टाउनशिप मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) के भीतर स्थित होगी और मेट्रो कनेक्टिविटी और मोबिलिटी के अन्य समाधानों सहित सामाजिक और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित होगी।

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