Maharashtra: ग्राम पंचायत चुनाव और मराठा आरक्षण पर भड़के नाना पटोले !

ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने देवेन्द्र फडणवीस को फटकार लगाई है| इसलिए उन्होंने मराठा आरक्षण पर सत्ताधारियों की ओर से आ रहे दोहरे बयानों को लेकर सरकार में शामिल नेताओं की आलोचना की है|

Maharashtra: ग्राम पंचायत चुनाव और मराठा आरक्षण पर भड़के नाना पटोले !

Nana Patole angry over Gram Panchayat elections and Maratha reservation!

ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने देवेन्द्र फडणवीस को फटकार लगाई है| इसलिए उन्होंने मराठा आरक्षण पर सत्ताधारियों की ओर से आ रहे दोहरे बयानों को लेकर सरकार में शामिल नेताओं की आलोचना की है| आज उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देवेन्द्र फडणवीस को चुनौती दी कि वे ग्राम पंचायत चुनाव में कितनी सीटें जीतीं, इसकी सूची घोषित करें|
नाना पटोले ने कहा कि वह भाजपा को अपनी जीती हुई सीटों की सूची घोषित करने का मौका दे रहे हैं|भाजपा को झूठ नहीं बोलना चाहिए|जनता की राय के साथ इस तरह से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए|यह लोगों का ध्यान मूल सवालों से भटकाने की कोशिश है|साथ ही उन्होंने मराठा आरक्षण को लेकर भी सरकार को निशाने पर रखा|उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण का इस्तेमाल मूल मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है|
राज्य मंत्रिमंडल में दो मंत्री अलग-अलग भाषा बोलते हैं। उनके मंत्री कह रहे हैं कि यह सरकार नहीं रहेगी| आरक्षण, महंगाई, किसानों के मुद्दे का माहौल फैलाकर बेरोजगारी पर, क्या गुजरात से आयात होने वाली दवाओं पर लगाम लगाने की कोशिश है? इन सभी सवालों का जवाब भाजपा को देना चाहिए, ये कांग्रेस की भूमिका है|
महाराष्ट्र को मत जलाओ। ये शाहू फुले आंबेडकर का महाराष्ट्र है, लेकिन यहां ड्रग माफिया का साम्राज्य खड़ा हो गया है. नई पीढ़ी को दवाओं से परिचित कराया जा रहा है। हम नशामुक्त महाराष्ट्र चाहते हैं. इस राज्य में रोजगार का सृजन होना चाहिए| वे यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि आप उद्योगों को गुजरात ले गए हैं और अभी भी महाराष्ट्र नंबर एक है, लेकिन यह कांग्रेस पार्टी का रुख है कि भाजपा को तथ्य पेश करना चाहिए।
आरक्षण के नाम पर प्रदेश को आग में झोंकने का काम शुरू हो गया है| सरकारी संपत्तियां जलायी जा रही हैं, विधायक सुरक्षित नहीं हैं, कानून-व्यवस्था ध्वस्त है|राज्य स्तरीय बैठक में भी हमने यही स्थिति रखी| आरक्षण पर सरकार का रुख घोषित किया जाए| जातिवार जनगणना एक विकल्प है|अगर मोदी की मंशा सिर्फ दो जातियां यानी गरीब और अमीर बनाने की है तो भाजपा को यह भी स्पष्ट करना चाहिए| उन्होंने यह भी आलोचना की कि इस तरह से आरक्षण का राग दिखाकर लोगों के वोट लिए जाएं और दूसरी ओर आरक्षण को ही खत्म करने का एजेंडा स्पष्ट किया जाए|
यह भी पढ़ें-

पाकिस्तान अफगान शरणार्थी संकट और प्रभाव

Exit mobile version