राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में विभाजन के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद खाली हो गया है| पहले यह पद एनसीपी विधायक अजित पवार के पास था, लेकिन अजित पवार ने एनसीपी के विधायकों के साथ अलग ग्रुप बना लिया और महागठबंधन में शामिल हो गए| अजित पवार अब राज्य के उपमुख्यमंत्री पद पर हैं। विधानसभा में शिवसेना के पास सिर्फ 15 विधायक हैं, जबकि एनसीपी के शरद पवार गुट के पास भी 15 से 20 विधायक हैं| तो अब कांग्रेस विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बन सकती है,लेकिन कांग्रेस ने अभी तक नेता प्रतिपक्ष नहीं चुना है|
इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने आज मुंबई के यशवंतराव चव्हाण केंद्र में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। बताया गया कि इस बैठक में कांग्रेस नेता और शरद पवार विपक्ष के नेता पद को लेकर चर्चा करेंगे. इस बैठक के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की|
इस दौरान मीडिया के प्रतिनिधियों ने इन नेताओं से पूछा कि आज की बैठक में क्या आपकी शरद पवार से विपक्षी नेता पद को लेकर कोई चर्चा हुई? विधानसभा में विपक्ष का नेता कौन होगा? क्या कांग्रेस ने उस पर कोई निर्णय लिया है? इस पर नाना पटोले ने कहा, विधानसभा में विपक्ष का नेता कांग्रेस से होगा और जल्द ही उनके नाम पर मुहर लगेगी|
नाना पटोले ने कहा, विधायिका की एक व्यवस्था होती है| उस व्यवस्था के मुताबिक, विधानसभा में जिस पार्टी के सबसे ज्यादा विधायक होते हैं, उसका विधायक विपक्ष का नेता बनता है|आज विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा है, इसलिए विपक्ष का नेता कांग्रेस ही बनेगी| अगले सप्ताह आप विपक्ष के नेता से मिलेंगे|
शिंदे गुट की आलोचना: कुछ देर पहले शिवसेना के शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड़ ने विधानमंडल के बाहर मीडिया से बात की| इस मौके पर गायकवाड़ ने कहा, ”अभी तक विपक्षी पार्टी अपना नेता नहीं चुन पाई है, यह विपक्षी पार्टी की बड़ी विफलता है|” विधानसभा सत्र के दूसरे सप्ताह का आज आखिरी दिन था, लेकिन अभी भी विपक्ष अपना नेता नहीं चुन पाया है| क्योंकि विपक्षी दलों के बीच कोई संपर्क नहीं है|भले ही उनकी कितनी भी बैठकें हो रही हों, लेकिन विपक्ष के नेता के पद पर अभी तक सहमति नहीं बन पाई है|
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