अजित पवार जायेंगे​ बीजेपी के साथ?, दमानिया के ट्वीट से गरमाई राजनीति

उनके मुताबिक 15 विधायक बाहर होने वाले हैं और अजित पवार ​भाजपा के साथ बहुत जल्द जा रहे हैं। ​सुबह के शपथ ग्रहण के बाद अजित पवार की नाराजगी की चर्चा अक्सर होती है​|​​ इस ट्वीट ने इन चर्चाओं को और गति दे दी है​|​​ ऐसे में अब देखना होगा कि अजित पवार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं​|​ ​

अजित पवार जायेंगे​ बीजेपी के साथ?, दमानिया के ट्वीट से गरमाई राजनीति

Ajit Pawar will go with BJP, Damania's tweet is being discussed in the political corridor!

सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने ट्वीट किया है कि एनसीपी नेता और प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष अजित पवार भाजपा​​ के साथ जाएंगे|इस ट्वीट के बाद चर्चाएँ छिड़ गई हैं। अंजलि दमानिया ने यह दावा करते हुए मंत्रालय में हुई एक घटना का जिक्र किया है।अंजलि दमानिया ने कहा​ कि आज मैं काम के सिलसिले में मंत्रालय गई थी। वहां एक शख्स ने मुझे रोका और एक दिलचस्प जानकारी दी। उनके मुताबिक 15 विधायक बाहर होने वाले हैं और अजित पवार ​भाजपा के साथ बहुत जल्द जा रहे हैं। सुबह के शपथ ग्रहण के बाद अजित पवार की नाराजगी की चर्चा अक्सर होती है|​​ इस ट्वीट ने इन चर्चाओं को और गति दे दी है|​​ ऐसे में अब देखना होगा कि अजित पवार इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं|​ ​

राज्य सहकारी बैंक घोटाले में अजित पवार को ईडी की क्लीन चिट?: इस बीच, भाजपा नेता किरीट सोमैया ने पिछले साल जरांदेश्वर सहकारी चीनी मिल में करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था| इसके बाद बड़ा विवाद हुआ था। ईडी ने इस सिलसिले में अजित पवार से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी भी की थी। इसी पृष्ठभूमि में ईडी की तरफ से अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई की संभावना भी जताई गई थी|
देखने में आया कि स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक स्कैम मामले का दायरा बढ़ता जा रहा था|​ ​हालांकि अब इस घोटाले को लेकर ईडी ने चार्जशीट फाइल की है और सामने आया है कि इसमें अजित पवार या उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार का नाम नहीं है|​​ तो क्या ईडी ने दी अजित पवार को क्लीन चिट? ऐसा सवाल अब उठाया जा रहा है।
आखिर क्या है मामला?: ईडी ने जुलाई 2021 में जरांदेश्वर सहकारी चीनी मिल से जुड़ी संपत्तियों को कुर्क किया था. इसमें कारखाने से संबंधित भूमि, भवन और मशीनरी शामिल थे। बताया जाता है कि कुल लागत करीब 65 करोड़ रुपये है। कोरेगांव तालुका की यह फैक्ट्री कुछ साल पहले एक नीलामी में बिकी थी। हालांकि, यह आरोप लगाया गया था कि इसे तत्कालीन उपमुख्यमंत्री अजित पवार के रिश्तेदारों ने मूल्यांकन से कम में खरीदा था। मामला कोर्ट में जाने के बाद ईडी को इसकी जांच के आदेश दिए गए थे।
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