महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव 2025: राज्य के 23 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में मतदान शुरू

21 दिसंबर को होगी मतगणना

महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव 2025: राज्य के 23 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में मतदान शुरू

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महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव 2025 के तहत शनिवार(20 दिसंबर) को राज्य की 23 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में अध्यक्ष और सदस्य पदों के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई। इसके साथ ही इन स्थानीय निकायों में खाली पड़े 143 सदस्य पदों के लिए भी वोट डाले जा रहे हैं। मतदान सुबह 7:30 बजे शुरू हुआ और शाम 5:30 बजे तक चलेगा।

राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, सभी चरणों के मतदान की मतगणना 21 दिसंबर को की जाएगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतगणना सुबह 10 बजे से संबंधित सभी केंद्रों पर शुरू होगी। इसमें वे नगर परिषद और नगर पंचायतें भी शामिल होंगी, जहां पहले चरण में 2 दिसंबर को मतदान हुआ था।

स्थानीय निकाय चुनावों के पहले चरण में राज्य भर की 263 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में चुनाव कराए गए थे। कई स्थानों पर अध्यक्ष और सदस्य निर्विरोध चुने गए थे, जिससे कुछ क्षेत्रों में चुनावी प्रक्रिया बिना मतदान के ही पूरी हो गई थी। हालांकि, मौजूदा चरण में कई सीटों पर सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है।

इस चुनावी दौर में सत्तारूढ़ भाजपा-नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन और विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। महायुति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं। वहीं, विपक्षी एमवीए गठबंधन भी कई नगर निकायों में मजबूती से चुनावी मैदान में है।

चुनावी तस्वीर को और जटिल बनाते हुए, कुछ स्थानों पर सत्तारूढ़ महायुति के सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ भी चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के बीच कई सीटों पर तथाकथित  फ्रेंडली फाइट देखने मिल रही है। इससे मुकाबला केवल सत्ता पक्ष बनाम विपक्ष तक सीमित न रहकर, गठबंधन के भीतर प्रतिस्पर्धा का रूप भी ले चुका है।

स्थानीय निकाय चुनावों को राज्य की राजनीति के लिहाज से अहम माना जा रहा है, क्योंकि इन्हें 2024 के विधानसभा चुनावों के बाद जनता की पहली बड़ी राजनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। नगर परिषद और नगर पंचायत स्तर पर मिलने वाले जनादेश से आने वाले समय में राज्य की राजनीति की दिशा और दलों की जमीनी ताकत का आकलन किया जाएगा।

अब सभी की नजरें 21 दिसंबर पर टिकी हैं, जब मतगणना के बाद यह साफ हो जाएगा कि महाराष्ट्र की स्थानीय राजनीति में किस गठबंधन को जनता का भरोसा मिला और किन क्षेत्रों में समीकरण बदले हैं।

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