…तो कर्नाटक जाओ; जाट सूखा पीड़ितों की चेतावनी !

आठ दिनों में जाट सूखा पीड़ितों की मांगों को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो कर्नाटक भी इसमें शामिल होने का रुख अपनाएगा| जाट तालुका के सीमावर्ती इलाकों में पानी संघर्ष समिति की ओर से सांगली के कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना आंदोलन किया गया|

…तो कर्नाटक जाओ; जाट सूखा पीड़ितों की चेतावनी !

...then go to Karnataka; Jat Drought Victims Alert!

बुधवार को सांगली कलेक्ट्रेट के सामने आयोजित विरोध प्रदर्शन में चेतावनी दी गई कि अगर अगले आठ दिनों में जाट सूखा पीड़ितों की मांगों को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो कर्नाटक भी इसमें शामिल होने का रुख अपनाएगा| जाट तालुका के सीमावर्ती इलाकों में पानी संघर्ष समिति की ओर से सांगली के कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना आंदोलन किया गया|

सूखे से जूझ रहे जाट तालुका में पानी का मुद्दा एक बार फिर सामने आ गया है| जाट तालुका में पानी की भारी कमी है| हालांकि पानी समस्या के समाधान के लिए सरकार की ओर से उचित कदम नहीं उठाये जाने का आरोप लगाते हुए पानी संघर्ष समिति ने आर-पार की लड़ाई शुरू कर दी है|

राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत विस्तारित मैसल सिंचाई योजना के संपूर्ण कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण करें। वहीं, कर्नाटक राज्य में योजना के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में पानी उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर सांगली के कलेक्टरेट के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया| इसमें तालुका के सूखा पीड़ितों के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भाग लिया।

पानी संघर्ष समिति ने आज एक बार फिर राज्य सरकार के रुख की घोषणा की कि अगर राज्य सरकार अगले आठ दिनों में सूखा पीड़ितों की मांगों को पूरा करने के लिए कोई नीति नहीं अपनाती है तो अनापत्ति प्रमाण पत्र का इंतजार किए बिना सीधे कर्नाटक जाएंगे।| इसके लिए पानी संघर्ष समिति ने कहा कि आठ दिनों के बाद जाट तालुका के 80 गांवों में एक विशेष ग्राम सभा आयोजित की जाएगी और कर्नाटक जाने का निर्णय लिया जाएगा और कर्नाटक राज्य के मंत्री करेंगे| पानी संघर्ष समिति से भी मुलाकात की जाएगी।

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