मराठी बोर्ड पर याचिकर्ताओं को SC से लगा झटका, अब देना पड़ेगा 25 हजार का जुर्माना !

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने राज्य की सभी दुकानों पर मराठी बोर्ड लगाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन किया है| इस मुद्दे को शिवसेना ने भी उठाया|अब इस लड़ाई की सफलता के बाद ऐसा लग रहा है कि मनसे और शिवसेना में प्रभुत्व को लेकर लड़ाई जारी है|

मराठी बोर्ड पर याचिकर्ताओं को SC से लगा झटका, अब देना पड़ेगा 25 हजार का जुर्माना !

Petitioners on Marathi Board got a blow from SC, now they will have to pay a fine of Rs 25 thousand!

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में सभी दुकानों पर मराठी साइन बोर्ड लगाने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने अगले दो महीने में मराठी बोर्ड लगाने का आदेश देते हुए याचिकाकर्ताओं पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है| महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने राज्य की सभी दुकानों पर मराठी बोर्ड लगाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन किया है| इस मुद्दे को शिवसेना ने भी उठाया|अब इस लड़ाई की सफलता के बाद ऐसा लग रहा है कि मनसे और शिवसेना में प्रभुत्व को लेकर लड़ाई जारी है|

एमएनएस ने मराठी सीटों का मुद्दा उठाया है और इसके लिए अब तक कई आंदोलन भी कर चुकी है और एमएनएस का आरोप है कि शिवसेना (शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पार्टी) का उबाठा गुट उसकी साख खराब करने की कोशिश कर रहा है| इस बारे में मनसे फिल्म सेना के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने ट्वीट कर ठाकरे समूह को चेतावनी दी है.

अमेय खोपकर ने एक ट्वीट किया है| इस ट्वीट में खोपकर ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला किया है कि राज्य भर की दुकानों पर मराठी बोर्ड लगाना अनिवार्य है| उसके बाद ‘मैं आगे हूं| मैं आगे हूं’ कहकर श्रेय बटोरने का घृणित तरीका अब उद्धव ठाकरे गुट ने शुरू कर दिया है| मराठी मंडलों के आंदोलन को मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बुलाया और लोकप्रिय बनाया। हमारा सामना एक बड़े वकील माजिद मेमन और खुद को सामाजिक कार्यकर्ता कहने वाले महेश भट्ट जैसे लोगों से हुआ| जब उबाठा समूह के सैनिक बच्चे थे, तब हम महाराष्ट्र नव निर्माण सैनिक सड़कों पर उतरे और मराठी की आवाज उठाई।
अमेय खोपकर ने कहा है कि यह बेहद हास्यास्पद है कि उबाठा समूह ऐसी स्थिति में है कि तेल भी चला गया, घी भी चला गया और वे श्रेय लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं| यहां सबूत के तौर पर एमएनएस आंदोलन (खोपकर ने कुछ तस्वीरें साझा की हैं) पर एक नजर डाली है। तस्वीर में मनसे कार्यकर्ताओं को मराठी बोर्डों के लिए लड़ते हुए दिखाया गया है। अमेय खोपकर, संदीप देशपांडे, शशांक नागवेकर, गिरीश धानोरकर, सचिन चव्हाण और अन्य कार्यकर्ताओं ने मराठी बोर्डों के लिए विरोध किया है। इसके साथ ही अमेय खोपकर ने करंट पेपर्स की कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं,जिसमें मराठी बोर्डों के लिए मनसे के आंदोलन की खबरें और तस्वीरें छापी गई हैं|
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