महाराष्ट्र संकट अब अपने चरम पर पहुंच गया है। सप्ताह भर से ज्यादा समय हो चला है। महाराष्ट्र का सियासी दांव पेंच अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बागी नेताओं को एक तरह से राहत भी दे दी है। लेकिन उद्धव ठाकरे के सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बीच खबर है कि शिवसेना के 18 सांसदों में से 14 सांसद बागी हो सकते हैं।
अगर ऐसा होता है तो उद्धव ठाकरे की पकड़ शिवसेना से भी ढीली हो सकती है। सत्ता से गंवाने के मुहाने पर खड़ी महा विकास अघाड़ी का अस्तित्व खतरे में है। मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि 14 सांसद शिंदे गुट के सम्पर्क में है। बता दें कि पहले ही शिवसेना के 40 विधायक शिंदे का समर्थन कर रहे हैं। ये सभी विधायक असम के गुवाहाटी के एक होटल में रुके हुए हैं। अगर ऐसा होता है तो बागी गुट का शिवसेना के झंडा और चुनाव चिन्ह पर दावा मजबूत हो सकता है।
वहीं, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी कोरोना से उबार कर राजभवन पहुंच चुके है। कहा जा रहा है कि राज्यपाल उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने को कह सकते हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बागी गुट को चुनाव चिन्ह और झंडे के लिए शिवसेना के कम से कम 37 विधायकों का समर्थन होना चाहिए। वहीं ,अगर बागी गुट समर्थन हासिल नहीं कर पाया तो इन विधायकों के खिलाफ दलबदल विधायक निरोधी अधिनियम के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
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