‘महाराष्ट्र भूषण’ समारोह: राज ठाकरे का स्टैंड, बोले, “बिना राजनीतिक स्वार्थ के…!”

राज ठाकरे ने इस अवसर पर कहा। "मुझे नहीं पता कि किसी को कैसे जिम्मेदार ठहराया जाए। अगर शाम को कार्यक्रम होता तो इस घटना को टाला जा सकता था​|​​'' 

‘महाराष्ट्र भूषण’ समारोह: राज ठाकरे का स्टैंड, बोले, “बिना राजनीतिक स्वार्थ के…!”

Raj Thackeray's stand on 'Maharashtra Bhushan' ceremony; Said, "Without political interest...!"

महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड समारोह रविवार शाम से ही चर्चा में बना हुआ है। पुरस्कार समारोह के दौरान लू लगने से 11 लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर पुरस्कार की राजनीति करने का आरोप लगाया है। एक तरफ जहां विपक्ष इस मुद्दे पर एकनाथ शिंदे सरकार की आलोचना कर रहा है, वहीं मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने पहले ट्वीट कर फिर मीडिया से बात कर अपनी स्थिति स्पष्ट की है|​ ​
राज ठाकरे ने आज सुबह अस्पताल का दौरा किया और उन मरीजों के बारे में जानकारी ली जिनका हीट स्ट्रोक से पीड़ित होने के बाद इलाज चल रहा है। इसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने प्रशासन की आलोचना की| “राज्य सरकार इस घटना को टाल सकती थी। सुबह इस कार्यक्रम को करने की कोई जरूरत नहीं थी। धूप के कारण वातावरण गर्म हो गया था।

इस मौके पर राज ठाकरे ने भी कहा की ऐसे में इतनी सुबह इतने लोगों को फोन क्यों करते हैं? उन्हें राजभवन में बुलाकर कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता था। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण है”, राज ठाकरे ने इस अवसर पर कहा। “मुझे नहीं पता कि किसी को कैसे जिम्मेदार ठहराया जाए। अगर शाम को कार्यक्रम होता तो इस घटना को टाला जा सकता था|​​


क्या गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए?:
इस बीच, राज ठाकरे ने विपक्ष द्वारा आयोजकों, संस्कृति मंत्री के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की मांगों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। “यह ऐसा कुछ नहीं है जो किसी ने जानबूझकर किया है। लेकिन अगर इतने लोगों को आमंत्रित करने के बजाय राजभवन में पुरस्कार दिया जाता तो यह घटना नहीं होती।”

आयोजन के पीछे राजनीतिक स्वार्थ?: क्या कार्यक्रम आयोजित करने और इतने लोगों की उपस्थिति की योजना बनाने के पीछे कोई राजनीतिक स्वार्थ था? इस सवाल का राज ठाकरे ने सकारात्मक जवाब दिया है। “क्या इतने सारे लोगों को बिना राजनीतिक स्वार्थ के बुलाया जाता है?” ऐसा काउंटर क्वेश्चन उन्होंने पूछा है।

राज ठाकरे का ट्वीट: इस बीच राज ठाकरे ने भी अस्पताल में मरीजों से मिलने से पहले अपने ट्वीट के जरिए इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा है| “क्या इस समारोह में हुए हंगामे को टाला नहीं जा सकता था? जब हमें मुंबई में लू लगने की खबर पढ़ने को मिली तो क्या प्रशासन को इस बात का अहसास नहीं था कि कार्यक्रम इतनी चिलचिलाती धूप की बजाय शाम को होना चाहिए?

राज ठाकरे ने एक ट्वीट में कहा​ कि भले ही सरकार ने मृतकों के परिजनों को मदद की घोषणा की है, लेकिन उसे इस बिंदु पर नहीं रुकना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं दोबारा न हों और प्रशासन ऐसी गलतियां न करे​|​


यह भी पढ़ें-

“यह पंजाब है, भारत नहीं” कहकर महिला को स्वर्ण मंदिर में जाने से रोका       

Exit mobile version