‘दो ​नावों​ पर पैर…’, शरद पवार की भूमिका पर संजय राउत का बड़ा बयान​ !

शरद पवार ने कहा, ''अजित पवार हमारी पार्टी के नेता हैं| इसमें कोई विवाद नहीं है| अगर राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ा समूह अलग हो जाए तो इसे पार्टी में फूट कहा जा सकता है| एनसीपी में ऐसी कोई स्थिति नहीं है| कुछ लोगों ने अलग रुख अपनाया है, लेकिन, लोकतांत्रिक प्रक्रिया में यह उनका अधिकार है।'

‘दो ​नावों​ पर पैर…’, शरद पवार की भूमिका पर संजय राउत का बड़ा बयान​ !

Sanjay Raut's big statement on the role of Sharad Pawar, 'feet on two boats...'!

राज्य में एनसीपी पार्टी में फूट की तस्वीर देखने को मिली है, पार्टी में दो गुट हो गए हैं,लेकिन, इन पार्टी नेताओं के अलग-अलग बयान भ्रमित करने वाले हैं| बारामती में मीडिया से बात करते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अजित पवार को लेकर बड़ा बयान दिया है| शरद पवार ने कहा, ”अजित पवार हमारी पार्टी के नेता हैं| इसमें कोई विवाद नहीं है| अगर राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ा समूह अलग हो जाए तो इसे पार्टी में फूट कहा जा सकता है| एनसीपी में ऐसी कोई स्थिति नहीं है| कुछ लोगों ने अलग रुख अपनाया है, लेकिन, लोकतांत्रिक प्रक्रिया में यह उनका अधिकार है।’

एनसीपी के शरद पवार गुट से सांसद सुप्रिया सुले ने भी ऐसा ही बयान दिया है| सुप्रिया सुले ने कहा, ”राष्ट्रवादी कांग्रेस में कोई विभाजन नहीं है| एनसीपी में कुछ लोगों ने अलग फैसला लिया है, लेकिन, इसे बंटवारा नहीं कहा जा सकता।” शरद पवार और सुप्रिया सुले के ये बयान एनसीपी कार्यकर्ताओं और राज्य की जनता को भ्रमित कर रहे हैं| ऐसे हैं शरद पवार के सहयोगी और महाविकास प्रमुख सहयोगी पार्टी शिवसेना के ठाकरे गुट की ओर से बड़ी प्रतिक्रिया आई है| सांसद संजय राउत ने शरद पवार की भूमिका पर सवाल उठाया है|

सांसद संजय राउत ने कुछ देर पहले मीडिया से बातचीत की| इस दौरान पत्रकारों ने राऊत से पूछा कि क्या अजित पवार को लेकर शरद पवार के बयान से उनकी विश्वसनीयता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है| संजय राउत ने कहा, शरद पवार को अब इसका जवाब देना होगा|  उनकी पार्टी के प्रवक्ताओं को जवाब देना होगा| मैंने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है| मैंने अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट कर दी है| महाविकास अघाड़ी में कोई अजित पवार नहीं, सिर्फ शरद पवार हैं|
सांसद संजय राउत ने कहा, जो लोग भाजपा के साथ गए, जिन्होंने सत्तावादी प्रवृत्ति से हाथ मिलाया, ऐसे किसी भी नेता या पार्टी का महाविकास अघाड़ी में कोई स्थान नहीं है,जो लोग ईडी के डर से जाना चाहते हैं वो जा सकते हैं| वे हमसे गए हैं या एनसीपी से, ये उनका फैसला है|  जैसा कि शरद पवार ने कहा, यह लोकतंत्र है इसलिए फैसला उनका होगा| लेकिन, हमारे (महाविकास अघाड़ी) के भी कुछ फैसले हैं| अगर किसी की राजनीति दो पत्थर या तीन पत्थर पर है तो इसका फैसला जनता करेगी|
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