विधान परिषद शिक्षक और स्नातक चुनाव के दौरान सत्यजीत तांबे का नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र काफी चर्चा में रहा था। वर्षों तक कांग्रेस में रहे तांबे परिवार के साथ पार्टी का विवाद चरम पर पहुंच गया| सत्यजीत तांबे ने तकनीकी कठिनाइयों का हवाला देते हुए एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया। इसके चलते कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए निलंबित कर दिया| सत्यजीत तांबे इस चुनाव में महाविकास अघाड़ी द्वारा प्रायोजित शुभांगी पाटिल को हराने में सफल रहे। सत्यजीत तांबे और कांग्रेस के बीच विवाद अभी भी सुलझा नहीं है| अब भी सत्यजीत तांबे ने इस पर टिप्पणी की है|
सत्यजीत तांबे ने कहा, “मुझे कुछ लोगों ने निशाना बनाया और बाहर कर दिया।” हालांकि मुझे कांग्रेस से बाहर कर दिया गया है, लेकिन कांग्रेस मेरे खून और विचारों में है। 2030 में मेरा परिवार कांग्रेस में 100 साल पूरे कर रहा है। लेकिन, अगर कुछ लोगों ने धक्का-मुक्की की है तो यह पार्टी नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे मुझे बुलाएं| लेकिन, अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है, सत्यजीत तांबे ने आगे स्पष्ट किया। इस बीच, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने किन लोगों को निशाना बनाया और किन लोगों पर उनका पैसा है।
उन्होंने कहा, ”कांग्रेस के वरिष्ठों के साथ मेरा कोई मतभेद नहीं है। साथ ही, किसी से अनबन का कोई कारण नहीं है। चुनाव के दौरान घटी घटनाओं को कई माध्यमों से समझाया गया है| तभी कुछ लोगों ने गलतफहमी पैदा कर दी| इस वजह से पार्टी ने मेरे खिलाफ कार्रवाई की”, सत्यजीत तांबे ने कुछ दिन पहले कहा था।
चुनाव में वास्तव में क्या हुआ?: “एच. के.पाटिल से हमारी चर्चा हुई| ए.बी कोई फॉर्म देना नहीं चाहता| कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मेरा नाम आने वाला था| इसकी घोषणा अंतिम समय में करने का निर्णय लिया गया| बालासाहेब थोराट का भी यही विचार था, लेकिन आवेदन के आखिरी दिन दिल्ली से मेरे पिता के नाम की घोषणा की गई.| जैसा कि मैंने एच.के.से बात की थी| एच.के.पाटिल ने मेरा नाम लेने के लिए बहुत चर्चा की, आखिरी क्षण तक प्रयास किया।
चुनाव में वास्तव में क्या हुआ?: “एच. के.पाटिल से हमारी चर्चा हुई| ए.बी कोई फॉर्म देना नहीं चाहता| कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मेरा नाम आने वाला था| इसकी घोषणा अंतिम समय में करने का निर्णय लिया गया| बालासाहेब थोराट का भी यही विचार था, लेकिन आवेदन के आखिरी दिन दिल्ली से मेरे पिता के नाम की घोषणा की गई.| जैसा कि मैंने एच.के.से बात की थी| एच.के.पाटिल ने मेरा नाम लेने के लिए बहुत चर्चा की, आखिरी क्षण तक प्रयास किया।
लेकिन कुछ न हुआ। फिर एबी फॉर्म भी गलत हो गया और फिर हमें पता है कि क्या हुआ| मुझे सीधा निलंबन पत्र भेज दिया गया| अभी तक कांग्रेस पार्टी ने मुझे बोलने का, समझाने का मौका नहीं दिया है| ये सब क्यों हुआ, आप कांग्रेस के वरिष्ठों से पूछिए, ये क्यों हुआ?” यह स्पष्टीकरण सत्यजीत तांबे ने फरवरी में दिया था|
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