98वां अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन इस समय दिल्ली में चल रहा है। शिवसेना शिंदे गुट के नेता डाॅ. नीलम गोरे ने बड़ा आरोप लगाया है| इस दौरान उन्होंने उद्धव ठाकरे को लेकर एक सनसनीखेज बयान दिया है कि अगर ठाकरे की शिवसेना में दो मर्सिडीज दी जाएं तो उन्हें एक पद मिलेगा। नीलम गोरे के बयान के बाद एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है|
नीलम गोरे ने वास्तव में क्या कहा?: किसी भी कार्यकर्ता को कम आंकने का कोई कारण नहीं है। 2012 तक मैंने देखा है कि शिवाजी पार्क में होने वाली बैठकों और सभाओं में एकनाथ शिंदे के कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ती थी| दूसरा हिस्सा यह है कि अगर नेता संपर्क नहीं चाहते तो हमारे वहां रहने का कोई मतलब नहीं है।
यह सच है कि अगर आपको ठाकरे की शिवसेना में दो मर्सिडीज कारें मिलती हैं, तो आपको एक पद मिलता है। जब तक बाला साहेब ठाकरे थे, उन्हें हर जगह तवज्जो मिलती थी| बाद में नीलम गोरे ने कहा कि अब उनमें गिरावट आई है| इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता था कि हमसे मुलाकात नहीं होगी|
जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने तो हम धन्य हो गए लेकिन…: जब 2019 में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने तो हम धन्य हो गए। क्योंकि हमें खुशी थी कि बाला साहेब ठाकरे के बेटे को वह पद मिला| लेकिन विधायकों को मुलाकात नहीं मिलेगी. किसी भी विषय के लिए कोई अपॉइंटमेंट नहीं दी जाएगी, दो से तीन बार रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन (आरटीपीसीआर) कराने पर भी कोई अपॉइंटमेंट नहीं दिया जाएगा।
फिर प्रश्न यह उठता है कि क्या जो परिवर्तन होते हैं वे कुछ विशिष्ट भोजन के विश्लेषण के माध्यम से नहीं होते हैं। एकनाथ शिंदे को हाल ही में महादजी शिंदे पुरस्कार मिला है। वे इस सब पर बात करेंगे| ये बात नीलम गोरे ने भी कही| उन्होंने ये बयान साहित्य सम्मेलन में दिए एक इंटरव्यू में दिया है|
नीलम गोरे के बयान पर अंबादास दानवे ने क्या कहा?: नीलम गोरे ने आरोप लगाया कि एक पद पाने के लिए ठाकरे की शिवसेना को दो मर्सिडीज दी गईं। इस पर पहली प्रतिक्रिया ठाकरे समूह के नेता अंबादास दानवे ने दी है| अंबादास दानवे ने उत्तर दिया कि यह नीलम गोरे की नमकहरामी है।
मैं ग्रामीण क्षेत्र का एक आम कार्यकर्ता हूं| आज मैं राज्य में विपक्ष का नेता हूं| विपक्षी द्वारा मुझे विभिन्न कार्यों के लिए धनराशि दी गई थी। अंबादास दानवे ने बताया कि पार्टी ने मुझसे कभी पैसे नहीं मांगे| इस अवसर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अंबादास दानवे ने नीलम गोरे की तीखी आलोचना की है|
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