महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति ने 288 में से 230 सीटें जीतकर एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने में कामयाब रही। विधानसभा चुनाव के परिणाम जारी होने के बाद से ही सीएम के नाम को लेकर चर्चा तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद सीएम पद के लिए पार्टी नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के नाम को सबसे आगे रखा गया है। महायुति की जीत के बाद अब सीएम के नाम पर सस्पेंस बना हुआ है।
राज्य में मुख्यमंत्री को लेकर महायुति में अभी तक कोई निर्णय हो पाया है| यदि सीट फार्मूले की बात की जाये तो गठबंधन में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है| और उसकी पार्टी से ही मुख्यमंत्री का चेहरा होना चाहिए|इस बीच शिवसेना शिंदे गुट के प्रवक्ता शीतल म्हात्रे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य में स्थानीय निकायों के आगामी चुनावों को देखते हुए उन्हें सीएम पद पर बने रहना चाहिए।
शिवसेना शिंदे गुट के प्रवक्ता ने कहा, “शिंदे ने 10 प्रतिशत तक मराठा आरक्षण को प्रदान किया है। इसके साथ ही उन्होंने अन्नासाहेब पाटिल और सारथी निगमों के माध्यम से समुदाय की मदद की।” उन्होंने दावा किया कि चुनाव में यह समुदाय महायुति के साथ खड़ा था। उन्होंने यह भी कहा कि “मराठा समुदाय से ही सीएम होना चाहिए, अब यह मांग जोर पकड़ रही है।”
गौरतलब है कि सीएम एकनाथ शिंदे पश्चिमी महाराष्ट्र के सतारा से हैं। राजनीतिक रूप से वे एक प्रभावशाली मराठा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा के शानदार प्रदर्शन के बाद सीएम पद के लिए पार्टी नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम को सबसे आगे रखा गया है। फडणवीस ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
महिलाओं के एक समूह ने मुख्यमंत्री मेरी “लाडली बहना” योजना को लेकर आभार व्यक्त करने के लिए एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को प्रति माह 1500 रुपये दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस योजना ने महायुति को एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने में मदद की।
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